चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उसका दखल कम करने को लेकर मोदी सरकार लगातार फैसले कर रही है। इसी कड़ी में उसने चीन और पाकिस्तान से बिजली उपकरणों के आयात पर रोक लगाने का फैसला किया है।
उर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने शुक्रवार (3 जुलाई, 2020) को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर क्षेत्र व्यावहारिक नहीं रहेगा।
सिंह ने कहा, “2018-19 में हमने ऊर्जा क्षेत्र में 71,000 करोड़ रुपए का सामान आयात किया। इसमें से 21,000 करोड़ का आयात चीन से हुआ है। हम ऐसा नहीं होने दे सकते। एक देश जो हमारे जवानों पर जानलेवा हमले कर रहा है, जो देश हमारी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहा है, हम उसके यहॉं रोजगार पैदा करें?”
Recently, I held a meeting with developers,industries&said that a country which transgresses into our territory&kills our soldiers, yet we create jobs in that country¬ in our country. So, we’ve decided to put China&Pakistan in list of prior reference countries: Union Power Min https://t.co/VSnAMNNMWN
— ANI (@ANI) July 3, 2020
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रायर रेफरेंस कंट्री (पूर्व संदर्भित देशों) से उपकरणों की आयात की अनुमति नहीं होगी। इसके तहत हम देशों की सूची तैयार कर रहे हैं लेकिन इसमें मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान शामिल हैं।
Today we manufacture everything which is required for the power system in our country. We have that manufacturing facility&capacity. In the year 2018-19, we’ve imported power equipment worth of Rs 71,000 crore of which Rs 21,000 crore was from China: Union Power Minister RK Singh pic.twitter.com/uBAcMOCt47
— ANI (@ANI) July 3, 2020
बता दें ‘प्रायर रेफरेंस कंट्री’ एक ऐसी श्रेणी है, जिससे उन देशों को चिन्हित किया जाता है जिनसे भारत को खतरा है या खतरे की आशंका है। खासतौर पर इनमें वो देश आते है जिनकी सीमाएँ भारत से सटी हुई होती है। जिसमें इस वक्त चीन और पाकिस्तान को मुख्य रूप से रखा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि काफी कुछ हमारे देश में बनता है लेकिन इसके बावजूद हम भारी मात्रा में बिजली उपकरणों का आयात कर रहे हैं। यह अब नहीं चलेगा। देश में 2018-19 में 71,000 करोड़ रुपये का बिजली उपकरणों का आयात हुआ जिसमें चीन की हिस्सेदारी 21,000 करोड़ रुपये है।
मंत्री ने कहा, “दूसरे देशों से भी उपकरण आयात होंगे, उनका देश की प्रयोगशालाओं में गहन परीक्षण होगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसमें ‘मालवेयर’ और ‘ट्रोजन होर्स’ का उपयोग तो नहीं हुआ है। उसके बाद उपयोग की अनुमति होगी।”
चीन के 59 ऐप्स को भारत सरकार ने किया बैन
गौरतलब है कि चीन के साथ जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सरकार ने 59 चीनी एप को बैन कर दिया है।
इनमें टिकटॉक (TikTok) के अलावा यूसी ब्राउजर, कैम स्कैनर जैसे और भी कई एप है जिन्हें अब ब्लॉक कर दिया गया हैं। सरकार ने इन एप्स को सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक बताया था। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा है कि कई लोगों ने डेटा सुरक्षा को ले कर सरकार से शिकायत की थी।