Monday, November 18, 2024
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कॉन्ग्रेस से निलंबित किए गए पूर्व मंत्री रौशन बेग, पार्टी पर मुस्लिमों की उपेक्षा का लगाया था आरोप

रौशन बेग मुस्लिमों के बीच राज्य में जाना-पहचाना चेहरा हैं। उन्होंने मुस्लिमों को सलाह देते हुए कहा था कि उन्हें किसी ख़ास पार्टी का वफ़ादार नहीं बने रहना चाहिए।

कॉन्ग्रेस ने पूर्व मंत्री रौशन बेग को पार्टी-विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया है। हाल ही में उन्होंने लोकसभा चुनाव में करारी हार को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की आलोचना की थी, जिस कारण उन्हें कर्नाटक प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी ने निलंबित करने का निर्णय लिया। कॉन्ग्रेस ने कहा कि प्रदेश यूनिट की तरफ से की गई सिफारिश को स्वीकार करते हुए रौशन बेग को निलंबित किया जाता है। पार्टी ने कहा कि यह निर्णय इस मामले की जाँच पूरी करने के बाद लिया गया। रौशन बेग ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को ‘दम्भी’ बताया था और प्रदेश कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव को ‘अपरिपक्व’ कहा था।

रौशन बेग 7 बार विधायक रह चुके हैं और वह कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में मंत्रीपद न मिलने से नाराज़ चल रहे थे। उनके क्षेत्र शिवाजीनगर में एक पोंजी स्कीम से भी उनका नाम जुड़ा है, जिसे आईएमए ज्वेल्स द्वारा शुरू किया गया था और इसके तहत सैकड़ों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की गई थी। इन निवेशकों में अधिकतर मुस्लिम हैं। रौशन ने इन आरोपों से इनकार किया लेकिन सीनियर कॉन्ग्रेस नेताओं का कहना है कि रौशन ने आईएमए ज्वेल्स के संस्थापक मंसूर खान के साथ उन लोगों से संपर्क साधा था। एक ऑडियो क्लिप भी काफ़ी सर्कुलेट हुआ था, जिसमें मंसूर यह कहते पाए गए थे कि उन्होंने बेग को 400 करोड़ रुपए दे रखे हैं, जो उन्हें अभी तक नहीं लौटाया गया।

कर्नाटक कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष गुंडु ने मंगलवार (जून 18, 2019) को कहा कि इस स्कैम से रौशन बेग के साथ जुड़े तार को आलाकमान के ध्यान में लाया जाएगा। अभी एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम इसकी जाँच कर रही है और शिकायतकर्ता निवेशकों की संख्या 38,000 पार हो चुकी है। बताया जाता है कि यह 15,000 करोड़ का स्कैम है। लोकसभा चुनावों में राज्य में मिली बुरी हार के बाद कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन की हालत ख़राब है और हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार कर के निर्दलियों को जगह दी गई ताकि सरकार को स्थिर रखा जा सके। एक अन्य पूर्व मंत्री रमेश जर्किहोली भी सरकार की आलोचना कर चुके हैं।

कॉन्ग्रेस ने रौशन बेग को निलंबित करने का निर्णय लिया

रौशन बेग ने हाल ही में अल्पसंख्यकों को ख़ास सलाह देते हुए कहा था कि अगर अगली बार भी राजग की सरकार बनती है तो वे लोग समझौता कर लें। उन्होंने कहा था कि राजग की सरकार बनने की स्थिति में उन्हें परिस्थितियों से समझौता कर लेना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि अगर ज़रूरत पड़ती है तो मुस्लिमों को भाजपा से हाथ मिलाने से भी नहीं हिचकना चाहिए। रौशन बेग समुदाय विशेष के बीच राज्य में जाना-पहचाना चेहरा हैं। उन्होंने समुदाय विशेष को सलाह देते हुए कहा था कि उन्हें किसी ख़ास पार्टी का वफ़ादार नहीं बने रहना चाहिए। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर अल्पसंख्यकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि पार्टी ने एक ही मुस्लिम को टिकट दिया है।

कहा जा रहा है कि रौशन बेग इसीलिए भी नाराज़ चल रहे थे क्योंकि राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बी जेड अमीर अहमद ख़ान का क़द राजनीति में लगातार बढ़ रहा है और वह उनकी जगह मुस्लिमों का चेहरा बन सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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