चंद्रबाबू नायडू ने भले ही हाल के दिनों में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, एनसीपी संस्थापक शरद पवार, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, तृणमूल की सर्वेसर्वा ममता बनर्जी और वामपंथी नेता सीताराम येचुरी से विपक्षी एकता बनाए रखते हुए भाजपा विरोधी गठबंधन के निर्माण के लिए मुलाक़ात की हो, लेकिन एग्जिट पोल्स के अनुसार, उनकी ख़ुद की सीएम की कुर्सी पर ही संकट के बादल मँडरा रहे हैं। तीन एग्जिट पोल्स के औसत के अनुसार, चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार रहे हैं और वाईएसआर कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी राज्य के नए मुख्यमंत्री बनते दिख रहे हैं।
अगर नायडू की सीएम की कुर्सी भी नहीं बचती है तो राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा किरदार अदा करने के लिए उनके द्वारा लगातार की जा रही मेहनत पर पानी पड़ने की संभावना है। जगन मोहन रेड्डी लोकसभा चुनाव में भी आंध्र प्रदेश की कई सीटें जीतते दिख रहे हैं, ऐसे में इसका सीधा नुकसान किंगमेकर बनने का सपना पाल रहे नायडू को ही उठाना पड़ सकता है क्योंकि राज्य में अभी यही दोनों पार्टियाँ प्रभावी हैं। इंडिया टुडे के अनुसार, तीन एग्जिट पोल्स का औसत निकालने पर पता चलता है कि 175 सीटों वाली राज्य की विधानसभा में टीडीपी को मात्र 65 सीटें आएँगी जबकि 106 सीटों के साथ रेड्डी की पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए ज़रूरी न्यूनतम आँकड़े से काफ़ी आगे निकल जाएगी।
Not just Lok Sabha, the Andhra Pradesh assembly exit polls show TDP might lose it to Jagan Mohan Reddy’s YSR Congress in the state. https://t.co/1LuRXnZlUQ
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) May 21, 2019
पीपल्स प्लस ने वाईएसआर कॉन्ग्रेस को 112 सीटें दी हैं जबकि मिशन चाणक्य ने पार्टी को 91-105 सीटें जीतते हुए दिखाया है। टीडीपी को दोनों एजेंसियों ने क्रमशः 59 और 55-61 सीटें दी है। एक अन्य एग्जिट पोल में टीडीपी को जगन की पार्टी से अधिक सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। 2014 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में नायडू की पार्टी को 117 सीटें मिली थीं जबकि वाईएसआर कॉन्ग्रेस पार्टी को 70 सीटों से संतोष करना पड़ा था। कॉन्ग्रेस की राज्य में स्थिति अच्छी नहीं है और भाजपा अभी पाँव जमाने की कोशिश में ही लगी है।
इस बार आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों ही नेताओं ने एक-दूसरे पर जम कर आरोप लगाए। जहाँ चंद्रबाबू नायडू ने अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों को हाइलाइट करते हुए फ़ारूक़ अब्दुल्लाह को जम्मू कश्मीर से बुलाकर मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए कई नई योजनाओं के वादे किए, जगन मोहन रेड्डी ने जनता के बीच यह बताने की कोशिश की कि नायडू अपने वादे पूरे करने में विफल रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू ने मार्च 2018 में राजग ने नाता तोड़ लिया था, उसके बाद से वह पीएम मोदी के विरोध में मुखर रहे हैं।
नायडू ने अपने राज्य में इस बार आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने को मुद्दा बनाया था। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने अपने हर भाषण में प्रधानमंत्री मोदी को घेरा। आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम लोकसभा चुनाव परिणामों के साथ ही 23 मई को जारी किए जाएँगे। किसी भी एग्जिट पोल ने राज्य में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों (भाजपा एवं कॉन्ग्रेस) के खाता खुलने की भी संभावना नहीं जताई है। सभी एग्जिट पोल्स ने इन दोनों ही बड़े दलों को शून्य सीटें मिलती हुई दिखाई हैं। अब देखना यह है कि विपक्षी एकता के नए सूत्रधार नायडू अपना गढ़ बचाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।