पुलिस ने ‘किसानों’ को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दे दी है, लेकिन अब उन्होंने नया ऐलान किया है। प्रदर्शन करने वाले ‘किसान’ संगठनों का कहना है कि वह 1 फरवरी को संसद तक पैदल मार्च निकालेंगे, जिस दिन आम बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के दर्शन पाल ने सोमवार (25 जनवरी 2021) को मीडिया वालों से बातचीत में कहा, “1 फरवरी को हम (प्रदर्शनकारी) दिल्ली में अलग-अलग जगहों से संसद तक पैदल मार्च निकालेंगे।”
On February 1, we will march on foot towards Parliament in Delhi from different locations: Darshan Pal, Krantikari Kisan Union
— ANI (@ANI) January 25, 2021
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यह घोषणा कृषि संगठनों द्वारा राजधानी में ‘किसानों’ की ट्रैक्टर रैली से एक दिन पहले की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ किसान कल यानी गणतंत्र दिवस परेड के बाद व्यापक रैली निकालेंगे। अभी तक इस रैली में शामिल होने वाले ट्रैक्टर्स की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
दिल्ली पुलिस के साथ कई दौर की बातचीत के बाद किसानों को 26 जनवरी पर ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति मिल गई थी। अनुमति के साथ पुलिस की शर्त है कि गणतंत्र दिवस की परेड को किसी हालत में बाधित नहीं किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि रैली तीन भागों में निकाली जाएगी।
प्रेस वार्ता करते हुए स्पेशल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने कहा था, “हमारी भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के साथ चर्चा हुई थी। जिसमें यह तय किया गया था कि वह राजपथ पर गणतंत्र दिवस के जश्न के बाद अपनी मार्च निकालेंगे। परेड में किसी भी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए। हम सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम करेंगे, उनकी मार्च शांतिपूर्ण होगी और वह अंत में बॉर्डर पर लौट जाएँगे।”
मार्च के लिए निर्धारित किए गए रूट भी किसान यूनियन और पुलिसकर्मियों के बीच तनाव का कारण हैं। किसान यूनियन का कहना है कि जो रूट अभी तय किए गए हैं वह उनके द्वारा बताए गए रूट से अलग हैं। वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का इस मुद्दे पर कहना था कि कृषि सुधार क़ानूनों को 1.5 साल के लिए रद्द करना ‘सबसे अच्छा ऑफर’ था। उन्हें इस बात की उम्मीद है कि किसान संगठन इस पर मंथन करेंगे और इसके बाद अंतिम फैसला लेंगे।