Sunday, December 22, 2024
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‘फिर शुरू होगा किसान आंदोलन’: लखीमपुर खीरी जाएँगे राकेश टिकैत, इस बार सभी जिलों में प्रदर्शन, फूँका जाएगा सरकार का पुतला

'संयुक्त किसान मोर्चा' की ओर से यह भी कहा गया है कि किसान सरकार के पुतले फूँकेंगे और सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे।

किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक बार फिर से प्रदर्शन करने का फैसला किया है। किसानों ने ऐलान किया है कि वे 31 जनवरी को वादाखिलाफी दिवस के रूप में मनाएँगे। हरियाणा के सोनीपत में शनिवार (15 जनवरी 2022) को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हरियाणा को छोड़कर किसी भी राज्य में मुकदमे और मुआवजे को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए हम 31 जनवरी को वादाखिलाफी दिवस के रूप में मनाएँगे।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से यह भी कहा गया है कि किसान सरकार के पुतले फूँकेंगे और सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) 1 फरवरी को लखीमपुर जाएँगे। उनका आरोप है कि लखीमपुर खीरी मामले में SIT की रिपोर्ट के बावजूद केंद्र सरकार गृह राज्य मंत्री टेनी को बचा रही है। उन्होंने (राकेश टिकैत) कहा कि मंत्री को बर्खास्त नहीं किया जा रहा। उल्टे लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में किसानों पर धारा-302 के तहत जेल भेजा जा रहा है। लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई थी, हम 21 तारीख से वहाँ पर 3-4 दिन के लिए जाएँगे। पीड़ितों से मुलाकात करेंगे, जो किसान जेल में है हम उनसे भी मिलेंगे।

बता दें कि तीन कृषि कानूनों के विरोध और अन्य माँगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर एक साल से अधिक समय तक किसानों ने प्रदर्शन किया। 11 दिसंबर 2021 को किसान नेताओं के आदेशों के बाद सभी किसान दिल्ली की सीमाओं को छोड़कर अपने घरों को लौट गए थे, लेकिन 9 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि 15 जनवरी को सरकार के साथ हुई बातचीत पर किसान एक बार फिर समीक्षा बैठक करेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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