पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को घोषणा की कि वह नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास 8, सफदरजंग लेन से बाहर आ गई हैं। सुषमा स्वराज ने इस बात की जानकारी भी दी कि अब वो पहले के पते या फोन नंबर पर उपलब्ध नहीं होंगी।
सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट में कहा, “मैं अपने आधिकारिक आवास 8, सफदरजंग लेन, नई दिल्ली से बाहर आ गई हूँ। कृपया ध्यान दें कि अब मुझसे पहले के पते और फोन नंबर्स पर सम्पर्क नहीं किया जा सकेगा।”
I have moved out of my official residence 8, Safdarjung Lane, New Delhi. Please note that I am not contactable on the earlier address and phone numbers.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 29, 2019
सुषमा स्वराज ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा और अपने स्वास्थ्य के कारण इस साल सरकार से बाहर होने का विकल्प चुना।
पिछले महीने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद, सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर एक भावनात्मक संदेश लिखा था, इसमें उन्होंने पाँच साल के लिए पद संभालने का अवसर देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था।
अपने ट्वीट में, सुषमा स्वराज ने लिखा, “प्रधान मंत्री जी – आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया। मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूँ। हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है।”
प्रधान मंत्री जी – आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया. मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूँ. हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 30, 2019
सुषमा स्वराज, सरकार और लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी थीं। कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने सरकार के शुरुआती महीनों में स्वराज को मोदी के लिए चुनौती के रूप में देखा।
हालाँकि, उन्होंने अपनी भूमिका में तालमेल बिठाया और पहली बार विदेश मंत्रालय को एक मानवीय चेहरा दिया। वो विदेश में कहीं भी फँसे किसी भी भारतीय के लिए संकटमोचक थीं। उन्होंने ज़रूरतमंदों को वीज़ा जारी करने और संकट में भारतीयों को राहत दिलाने जैसे मामूली मुद्दों को सुलझाने में भी व्यक्तिगत रुचि ली।
इससे पहले पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया था। अपने प्राइवेट बंगले में शिफ्ट होने जा रहे अरुण जेटली ने अपने कर्मचारियों की संख्या में भी कटौती की थी। उन्होंने अपनी सुरक्षा व्यवस्था कम कर दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी सरकारी गाड़ियाँ भी सरकार को वापस कर दी हैं।