देश के पूर्व पेट्रोलियम मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 दिवसीय उपवास पर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने इसे असमभव बताया है और राम मंदिर के गर्भगृह की पवित्रता पर भी टिप्पणी की है। उनका यह बयान अब सुर्ख़ियों में है।
वीरप्पा मोइली ने कहा, “मैं एक डॉक्टर के साथ सुबह की सैर कर रहा था। उन्होंने मुझे बताया कि कोई भी मानव 11 दिन उपवास करके जीवित नहीं रह सकता। अगर पीएम मोदी जीवित हैं तो यह चमत्कार है। इसीलिए मुझे इस विषय में शंका है।” उन्होंने राम मंदिर के गर्भ गृह की पवित्रता पर भी प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा, “अगर वह (प्रधानमंत्री मोदी) बिना उपवास किए राम मंदिर के गर्भगृह में घुसे हैं तो वह स्थान अपवित्र हो गया है और उस स्थान से शक्ति नहीं प्रवाहित होगी।”
ಪ್ರಧಾನಿ ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ 11 ದಿನಗಳ ಕಾಲ ಉಪವಾಸ ಮಾಡಿರೋದಕ್ಕೆ ಸಾಧ್ಯನೇ ಇಲ್ಲ ಎಂದು ಮಾಜಿ ಸಿಎಂ ವೀರಪ್ಪ ಮೊಯ್ಲಿ ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ.@narendramodi @BYVijayendra @RAshokaBJP @moilyv #VeerappaMoily #NarendraModi #RamMandir #ShriRamHomecoming #Ayodhya #BJP #Congress #NewsFirstLive #NewsFirstKannada pic.twitter.com/fZWwVf5Qor
— NewsFirst Kannada (@NewsFirstKan) January 23, 2024
वीरप्पा मोइली का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने से पहले 11 दिन के उपवास के विषय में था। प्रधानमंत्री मोदी ने यम नियम के अंतर्गत यह कठिन उपवास रखा था। इस दौरान उन्होंने 11 दिन तक भोजन ना करने और केवल नारियल पानी पीने के नियम का पालन किया था। वह रात में सोते भी मात्र एक कम्बल के साथ ही थे।
प्रधानमंत्री मोदी के कठिन व्रत के विषय में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविन्द गिरी ने प्रधानमंत्री के इस कठिन व्रत और उनके पारण के विषय जानकारी दी थी। प्रधानमंत्री मोदी के कठिन व्रत के विषय में उन्होंने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद सार्वजनिक संबोधन में बताया था।
स्वामी गोविन्द गिरी ने बताया था कि उस समय उन्हें आश्चर्य हुआ, जब प्राण प्रतिष्ठा के लिए जरूरी नियम एवं व्रत के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे जानकारी माँगी। उन्होंने कहा कि 20 दिन पहले पीएम ने व्रत के लिए नियमावली माँगी थी। गोविंद गिरी ने कहा, “अपने आप को सिद्ध (व्रत के लिए) करने की भावना कहाँ होती है। यह भावना यहाँ (मोदी जी में) होती है।”
स्वामी गोविंद गिरी ने कहा, “हम लोगों ने महापुरुषों से परामर्श करके प्रधानमंत्री से कहा था कि आपको मात्र 3 दिन का उपवास करना होगा, लेकिन उन्होंने 11 दिन का उपवास किया। हमने 11 दिन एकभुक्त (अनुष्ठान से पहले अन्न खाने का विधान) कहने के लिए कहा था, उन्होंने अन्न का ही त्याग कर दिया।”
प्रधानमंत्री के कठिन व्रत के विषय में बताते हुए कहा कि उन्हें 3 दिन जमीन पर सोने की बात कही गई थी लेकिन वह इस कड़कड़ाती ठण्ड में 11 दिनों तक जमीन पर सोते रहे। वह इस दौरान भावुक भी हो गए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के तप से तप की कमी हो गई।
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh | Swami Govind Dev Giri Maharaj says, "…We were supposed to offer him honey with a few drops of lemon juice in water…But he told me separately to offer him 'charnamrit' of Bhagwan Sri Ram. So, we made changes…I felt a motherly love at that… https://t.co/1SqbPRUtNp pic.twitter.com/dOFV3w1SqU
— ANI (@ANI) January 23, 2024
उन्होंने इस व्रत को तोड़ने के विषय में बताया, “पहले यह तय हुआ था प्रधानमंत्री मोदी का व्रत जल में शहद और नींबू की दो बूंदें डालकर व्रत खुलवाने का सोचा गया था। उन्होंने यहाँ आकर मुझे बताया कि राम मंदिर के चरणामृत से उनका व्रत खुलवाया जाए।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे खुद ही यह उनको पिलाने के लिए कहा जिससे उनके मन में माता का वात्सल्य जागृत हो गया। उनके मन में मातृत्व का भाव आ गया क्योंकि वह प्रधानमंत्री की माँ को बहुत अच्छे से जानते थे।