Friday, November 8, 2024
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200 पूर्व सांसदों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस, कॉन्ग्रेस ने बताया मोदी का निष्ठुर फरमान

अगर कोई सांसद दोबारा नहीं चुना जाता है तो उन्हें पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर सरकारी आवास खाली करना होता है। 16वीं लोकसभा भंग हुए लगभग 3 महीने हो चुके हैं, लेकिन पूर्व सांसद अभी भी सरकारी आवासों में डेरा जमा कर बैठे हैं।

लोकसभा की हाउसिंग कमिटी ने सभी पूर्व सांसदों को सरकारी आवास खाली करने के लिए 7 दिनों की समय सीमा दी है। कमिटी की अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जो पूर्व सांसद सरकारी आवास खाली करने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके घर में बिजली और पानी की सप्लाई काट दी जाएगी। ऐसा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 200 ऐसे पूर्व सांसद हैं जो अभी भी सरकारी आवासों में जमे हुए हैं।

नियम के मुताबिक़, अगर कोई सांसद दोबारा नहीं चुना जाता है तो उन्हें पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर सरकारी आवास खाली करना होता है। 16वीं लोकसभा भंग हुए लगभग 3 महीने हो चुके हैं लेकिन पूर्व सांसद अभी भी सरकारी आवासों में डेरा जमा कर बैठे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू में सांसदों के लिए बने डुप्लेक्स फ्लैट्स का उद्घाटन करते हुए भी इस पर बात की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नए सांसदों को दिल्ली पहुँचने के बाद आवास खोजने में काफ़ी समस्याएँ आती हैं। उन्होंने कहा कि अब इस समस्या के समाधान के लिए कोशिश हो रही है। पीएम ने कहा, “एक सांसद होने का अर्थ है कि आप किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और उस क्षेत्र के लोग आपसे मिलने के लिए आते रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए भी रहने की व्यवस्था करनी पड़ती है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे आनंद शर्मा ने सांसदों को सरकारी आवास खाली करने वाली नोटिस को लेकर सीधा प्रधानमंत्री पर हमला बोला है। कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि ‘मोदी का यह निष्ठुर फरमान’ एक तरह की मनमानी है और भेदभाव करने वाला है। उन्होंने कहा कि एक पूर्व सांसद को क्लर्क ने भी कम वेतन मिलता है, जबकि केंद्रीय सचिवों को आवास खाली करने के लिए 6 महीने का लम्बा समय दिया जाता है।

सरकार ने एक लोकसभा पैनल का गठन किया था, जिसने पूर्व सांसदों को आवास खाली करने के लिए 7 दिनों की समय सीमा निर्धारित की। इसके बाद उन्हें हाउसिंग कमिटी की तरफ से नोटिस मिला।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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