कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद अब संजय निरुपम फिर से शिवसेना में शामिल हो गए हैं। करीब 19 साल बाद घर वापसी करते हुए उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया। अपना राजनीतिक करियर शिवसेना से ही शुरू करने वाले संजय निरुपम ने 2005 में शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था और कॉन्ग्रेस पार्टी से जुड़ गए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी से बगावत कर दी थी, जिसके बाद कॉन्ग्रेस ने उन्हें 6 सालों के लिए पार्टी से निकाल दिया था, हालाँकि इससे पहले ही उन्होंने कॉन्ग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्होंने 19 साल बाद शिवसेना में वापसी की है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में उनका स्वागत किया। खास बात ये है कि संजय निरुपम ने जब शिवसेना से इस्तीफा दिया था, तब पार्टी बालासाहेब ठाकरे के हाथों में थी, लेकिन अब पार्टी का असली निशान और पार्टी एकनाथ शिंदे के हाथों में है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संजय निरुपम की शिवसेना में वापसी को ‘घर वापसी’ बताया है। उन्होंने एक्स पर निरुपम की पार्टी से जुड़ने की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “पूर्व सांसद और मुंबई कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम लगभग बीस साल बाद घर वापसी के बाद आज आधिकारिक तौर पर शिवसेना पार्टी में शामिल हो गए। ठाणे के आनंद आश्रम में हुए इस पार्टी प्रवेश के दौरान वह अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ सार्वजनिक तौर पर शिवसेना में शामिल हुए।”
माजी खासदार आणि मुंबई काँग्रेसचे माजी अध्यक्ष संजय निरुपम यांनी तब्बल वीस वर्षांनी घरवापसी करत आज #शिवसेना पक्षात जाहीर प्रवेश केला. ठाण्यातील आनंदआश्रम येथे पार पडलेल्या या पक्षप्रवेशावेळी त्यांच्यासह त्यांच्या असंख्य कार्यकर्त्यांनीही शिवसेनेमध्ये जाहीर प्रवेश केला. या… pic.twitter.com/On5OskEkwB
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) May 3, 2024
कौन हैं संजय निरुपम?
संजय निरुपम ने अपना करियर बतौर पत्रकार शुरू किया था। उन्होंने 1993 में सामना के हिंदी संस्करण ‘दोपहर का सामना’ के संपादक का दायित्व संभाला और शिवसेना में शामिल हो गए। सामना शिवसेना का मुखपत्र है। उन्हें साल 1996 में शिवसेना ने राज्यसभा भेजा था। वो दो बार राज्यसभा सांसद रहे और 2005 में उन्होंने शिवसेवा के साथ ही राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वो कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। वो मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं, तो कॉन्ग्रेस ने उन्हें कई राज्यों की जिम्मेदारियाँ भी सौंपी थी।
संजय निरुपम ने साल 2009 में मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से चुना लड़ा और जीत हासिल की। हालाँकि साल 2014 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में कॉन्ग्रेस ने उनकी सीट पर उर्मिला मांतोड़कर को चुनाव लड़ाया था। वो इस साल लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन गठबंधन में मुंबई नॉर्थ सीट शिवसेना (उद्धव ठाकरे) को चली गई, जिसके बाद उन्होंने बगावत का झंडा बुलंद दिया और कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ दी और अब वो शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए हैं।