राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर तीखी बहस के बाद ये बिल पास हो चुका है। ये बिल 26 जुलाई को लोकसभा से पास हो चुका था। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इस बिल के ज़रिए जहाँ सत्ता पक्ष मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के प्रतिबद्ध है। वही विपक्ष इसका हर तरह से विरोध कर रहा है जिसका मुख्य मकसद वोट बैंक की राजनीति है। सदन में तीन तलाक बिल पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुस्लिम परिवारों को तोड़ना इस बिल का असली मकसद है।
Union Minister of Law & Justice Ravi Shankar Prasad: Today is a historic day. Both the Houses have given justice to the Muslim women. This is the beginning of a transforming India. #TripleTalaqBill pic.twitter.com/rXwPsfAtBF
— ANI (@ANI) July 30, 2019
आज आपके लिए ये जानना ज़रूरी है कि जन सरोकार और महिला मुद्दों पर भी किस तरह वोट बैंक और मजहब के नाम पर राजनीति होती है। इस बिल के विरोध में आजाद ने यह भी कहा, “कई इस्लामी देशों में तो गर्दन काटने का भी कानून है, आप वहाँ से वो कानून भी लेकर आएँगे क्या? उन्होंने कहा कि हमारा मुल्क किसी मुस्लिम मुल्क का मोहताज नहीं है और न ही किसी मुस्लिम के कहने से चलता है। देश के मुस्लिमों को देश पर गौरव है और हजारों सालों से साथ मिलकर रहते हैं। न हम मुस्लिम देशों की नकल करते हैं और न उनकी सोच रखते हैं।”
राज्य सभा में जारी बहस के दौरान, सदन के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, “विधेयक शादी पर अधिकारों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन इसका असली मकसद परिवारों का विनाश करना है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित बिल है। पति-पत्नी अपने-अपने लिए वकील हायर करेंगे। वकील को पैसे देने के लिए जमीन बेची जाएगी। जेल का समय खत्म होने पर दोनों दिवालिया हो जाएँगे।
आज़ाद ने कहा कि सरकार मुस्लिम महिलाओं के नाम मुसलमानों को निशाना बना रही है। न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी। अब इस बिल के जरिए सरकार घर के चिराग से ही घर में आग लगाना चाहती है। घर भी जल जाएगा और किसी को आपत्ति भी नहीं होगी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब वे सजा काटकर जेल से बाहर आएँगे वे या तो आत्महत्या कर लेंगे या चोर और डकैत बन जाएँगे। इस बिल के प्रति आपकी यही मंशा है। सदन में बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसी धर्म को खत्म करने के लिए कानून नहीं बनना चाहिए, बल्कि देश के लिए कानून बनना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आपने हमारी आपत्तियों को हटाया नहीं है, थोड़ी-बहुत सर्जरी जरूर की है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी सिविल अनुबंध है, जिसे आप क्रिमिनल शक्ल दे रहे हैं। वॉरंट के बैगर पुलिस को जेल में डालने का हक दे रहे हैं। साथ ही तीन साल की सजा, भत्ता और बच्चों-बीवी का ख्याल रखने का प्रावधान भी आपने बिल में डाल दिया है। अगर किसी पति को सजा होती है तो क्या महिलाओं को सरकार अपनी तरफ से पैसा देगी, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं है। आप एक पैसा नहीं देंगे, लेकिन उसके पति को जेल में डालने के लिए तैयार हैं।
Ghulam Nabi Azad, Leader of Opposition in Rajya Sabha, on Triple Talaq Bill: When they will come out of jail they will either commit suicide or become dacoits and thieves, that is the intention of your bill. https://t.co/H0fJ7r9UAP
— ANI (@ANI) July 30, 2019
इस मुद्दे पर और भी नेताओं ने विरोध दर्ज़ कराया साथ ही तमाम मुस्लिम नेताओं, मौलवियों ने भी देश के कानून के ऊपर शरियत के कानून को ही वरीयता देने की बात कही। गरीब नवाज फाउंडेशन के अंसार रज़ा ने कहा,
“पार्लियामेंट में तीन तलाक़ का मुद्दा बार बार उठाना ये हल नही चाहते ये कुछ हिंदुओं को ख़ुश करने के लिए है कि देखो मुसलमानों को हमने डरा दिया, रविशंकर जी कुछ भी करलो मुसलमान शरियत की ही मानेगा।”
पार्लियामेंटमें तीन #तलाक़ का मुद्दा बार बार उठाना ये #हल नही चाहते ये कुछ #हिंदुओं को ख़ुश करने के लिए है कि देखो मुसलमानो को हमने #डरा दिया,#रविशंकर जी कुछ भी करलो मुसलमान #शरियत की ही मानेगा
— Ansar Raza (@ansarraza16) July 30, 2019
बीजेपी के नेता रविशंकर प्रसाद ने सभी के आरोपों का विधिवत जवाब देते हुए तमाम कट्टरपंथियों के साथ ही कॉन्ग्रेस और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नवी आज़ाद को भी आड़े हाथों लिया।
राज्यसभा में तीन तलाक बिल के खिलाफ कानून मंत्री @rsprasad का जवाब
— आज तक (@aajtak) July 30, 2019
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राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने चर्चा में हिस्सा लेने वाले सभी सांसदों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पैगम्बर साहब ने हजारों साल पहले इसे गलत बता दिया था लेकिन हम इस पर 2019 में बहस कर रहे हैं। विपक्षी के लोग ‘लेकिन’ के साथ तीन तलाक को गलत बता रहे हैं क्योंकि ये लोग इसे चलने देना चाहते हैं। प्रसाद ने कहा कि गुलाब नबी जी अपनी पार्टी के अच्छे काम भी भूल गए। उन्होंने कहा कि दहेज कानून को गैर जमानती बनाया तब किसी के जेल जाने की चिंता क्यों नहीं हुई। आपकी ओर से प्रगतिशील कानून लाए गए उनका विरोध नहीं हुआ लेकिन शाहबानो के मामले में कॉन्ग्रेस के पैर क्यों हिलने लगते हैं, इसका जवाब आजाद साहब को देना चाहिए।
तमाम बहसों और विपक्षी नेताओं और शरीयत के हिमायतियों के विरोध के बाद भी तीन तलाक़ बिल राज्य सभा में पास हो चुका है। देश की मुस्लिम महिलाओं में इस बिल के पास होने पर ख़ुशी का माहौल है। अब उन्हें तीन तलाक़ के क्रूर चक्र से मुक्ति मिलने के आसार नज़र आने लगे हैं।
Rajya Sabha passes Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill, 2019. #TripleTalaqBill pic.twitter.com/gVLh2wTzXK
— ANI (@ANI) July 30, 2019
इस बिल को मुस्लिम महिला (महिला अधिकार संरक्षण कानून) बिल 2019 का नाम दिया गया है।