पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के ख़िलाफ़ कड़े कदम उठाते हुए फ़ैसला लिया है कि इन नेताओं को सरकार की ओर से मिलने वाली सभी सुरक्षा और सुविधाएँ वापस ले ली जाएँ।
जम्मू-कश्मीर के उच्च अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि अलगाववादी नेताओं में मीरवाइज़ फ़ारुक़, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, शबीर शाह और हाशिम क़ुरैशी को उपलबध कराए गए सुरक्षा और वाहनों की सभी सुविधाएँ इस रविवार तक वापस ले ली जाएँगी।
#JammuAndKashmir administration withdraws security of all separatist leaders, including that of Mirwaiz Umar Farooq, Shabir Shah, Hashim Qureshi, Bilal Lone & Abdul Ghani Bhat.
— ANI (@ANI) February 17, 2019
इसके अलावा हिंदुस्तान में छपी ख़बर के मुताबिक अगर कोई और अलगाववादी है जिसे सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं तो प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा इस पर समीक्षा की जाएगी। साथ ही तत्काल प्रभाव से उसकी सुरक्षा वापस ले ली जाएगी।
सरकार द्वारा लिए गए इस बड़े फ़ैसले के बाद हुर्रियत प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। मीरवाइज़ उमर फ़ारुक़ के नेतृत्व में हुई इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सरकार ने ख़ुद ही अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने का फ़ैसला किया था, जिसकी कभी माँग नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा वापस लेने के फ़ैसले से न तो अलगाववादी नेताओं के रुख़ में बदलाव आएगा और न ही इससे उनकी ज़मीनी हालातों पर कोई असर पड़ने वाला है।
इसके अलावा अलगाववादी नेता अब्दुल गनी भट का कहना है कि उन्हें राज्य द्वारा मिलने वाली सुरक्षा की कोई भी आवश्यकता नहीं है। भारत और पाकिस्तान में युद्ध के आसार हैं। प्रदेश सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा की उन्हें कोई ज़रूरत नही हैं।
Srinagar: Visuals from outside Separatist Abdul Ghani Bhat’s office&residence after J&K admin withdraws security, Bhat says, ‘Security was provided by state govt, I don’t need it. My security is Kashmiri ppl. There are chances of war b/w Pak&India.Let them address war issue first pic.twitter.com/uiK5W5sknh
— ANI (@ANI) February 17, 2019