केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने RTI के आवेदनों में कमी आने को को सरकार की उपलब्धि बताया है। उन्होंने केन्द्रीय सूचना आयोग के 14 वें वार्षिक सम्मेलन को आज सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा सूचनाओं को सक्रियता से सार्वजनिक पटल पर रखना है ताकि RTI आवेदनों की संख्या में कमी आए। उनका कहना है कि सरकार की सफलता अधिक आरटीआई आवेदनों में नहीं है बल्कि आवेदनों में कमी आने का मतलब है कि सरकार का कार्य संतोषजनक है।
उन्होंने कहा, “हम एक ऐसा तंत्र लाना चाहते हैं जहाँ लोगों को सूचना पाने के लिए आरटीआई आवेदन दाखिल करने की जरूरत न महसूस हो।”
गृहमंत्री ने डैशबोर्ड प्रणाली के बारे में बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डैशबोर्ड प्रणाली लाकर ये सुनिश्तिच किया है कि बिना आरटीआई आवेदन डाले, जारी योजनाओं से संबंधित सभी जानकारी हासिल हो सके। उन्होंने इस नए प्रयोग को पारदर्शी युग की शुरुआत बताई है
उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति डैशबोर्ड पर जाकर देख सकता है कि कितने शौचालय बनाए गए। डैशबोर्ड का प्रयोग कर लोग जान सकते हैं कि सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन कब मिलेगा? एक निरक्षर महिला डैशबोर्ड पर क्लिक कर जान सकती है कि उसे गैस सिलेंडर कब मिलेगा।”
गौरतलब है कि इस दौरान उन्होंने आयोग के लोगों ने अनुरोध किया कि वे न सिर्फ़ आरटीआई के आवेदनों का निपटान करें बल्कि लोगों को उन कदमों से भी अवगत करवाएँ जो ये सुनिश्चित करेंगे कि आगे इस आवेदन की जरूरत नहीं हैं।
हालाँकि , गृहमंत्री अमित शाह ने आरटीआई के कानून को पिछले 14 सालों से देश में सफल बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य लोगों का विश्वास बढ़ाना था। उन्होंने बोला कि इसके परिणामों के आँकलन से ज्ञात होता है कि देश में पारदर्शिता बढ़ी है। भ्रष्टाचार कम हुआ है और सुशासन की गति में भी तेजी आई है।