प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक आपत्तिजनक ट्वीट के मामले में असम से गिरफ्तार हुए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को असम की कोकराझार कोर्ट ने सोमवार (25 अप्रैल, 2022) को जमानत दे दी। हालाँकि, असम पुलिस ने जमानत मिलने के कुछ ही देर बाद, ‘अधिकारियों पर हमला करने’ के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि कॉन्ग्रेस समर्थित विधायक मेवाणी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले जिग्नेश मेवाणी को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ किए गए एक ट्वीट के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने अपने ट्वीट में आपत्तिजनक दावा करते हुए लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाथूराम गोडसे की विचारधारा में मानते हैं इसलिए वे देश में शांति की अपील नहीं करेंगे। इसको लेकर उनके खिलाफ असम शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद मेवाणी को पुलिस गुवाहाटी के रास्ते कोकराझार ले गई और न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था।
मेवाणी पर आपराधिक साजिश के आरोप में सेक्शन 120 बी, सेक्शन 259ए, वैमनस्यता फैलाने के आरोप में धारा 153A, शांति भंग करने के लिए किसी का अपमान करने आरोप में सेक्शन 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अलावा ट्वीट पोस्ट के लिए उन पर ये आरोप लगे थे, इसलिए आईटी एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया गया था और फिर कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
जिसके बाद कॉन्ग्रेस ने असम में मेवाणी की रिहाई के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया। रविवार (24 अप्रैल, 2022) देर शाम मेवाणी को कोर्ट में पेश किया गया था। देर रात तक इस मामले में जिरह चलती रही। इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को अदालत से जमानत मिल गई, लेकिन उन्हें कुछ मिनटों के अंदर ही एक अन्य मामले में अरेस्ट कर लिया गया।