हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल जिले के कैमला गाँव में ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की कड़े शब्दों में निंदा की है। सीएम खट्टर ने इस पूरे घटनाक्रम में कॉन्ग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी का हाथ होने का आरोप लगाया है। खट्टर ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ लेकर कॉन्ग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी अपनी खोई जमीन हासिल करने की कोशिश में लगी हैं।
सीएम खट्टर ने रविवार (जनवरी 10, 2021) शाम करनाल जिले के कैमला गाँव में प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ किए जाने के बाद चंडीगढ़ में मीडिया को संबोधित किया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, “जो कोई भी बोलना चाहता है, उसमें बाधा डालना सही नहीं है। मुझे नहीं लगता कि लोग डॉ. बीआर आंबेडकर की ओर से दिए गए प्रावधानों के उल्लंघन को बर्दाश्त करेंगे। कॉन्ग्रेस ने 1975 में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया था। उस समय लोगों ने उनके घृणित कार्य की पहचान की और उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया।”
It’s not right to obstruct anyone who wants to speak. I don’t think people will tolerate violation of provisions given by Dr BR Ambedkar. Congress had attempted to finish democracy in 1975. At that time people identified their disgusting work & threw them out of power: Haryana CM https://t.co/hJnXjB5zeQ
— ANI (@ANI) January 10, 2021
उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्र में एक मजबूत लोकतंत्र है, जहाँ सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हमने इन कथित किसानों और नेताओं के बयानों को कभी नहीं रोका। उनका आंदोलन चल रहा है। COVID के बावजूद, हमने उनके लिए व्यवस्था की।”
दरअसल, हरियाणा में करनाल जिले के कैमला गाँव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के फायदे बताने वाले थे। सीएम मनोहर लाल खट्टर 2000 किसानों की एक बड़ी सभा को संबोधित करने वाले थे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस आयोजन के लिए कुल 1500 पुलिस और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे और आने वाले प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए 7 चौकियाँ बनाई गई थी। पुलिस ने निर्माण सामग्री से लदे ट्रकों का उपयोग करते हुए कैमला गाँव की ओर जाने वाले सभी रास्तों को अवरुद्ध कर दिया था, लेकिन यह योजना विफल रही। प्रदर्शनकारी गाँव में जाने के लिए रास्ता बनाने से पहले दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग पर करनाल में बस्तर टोल प्लाजा के पास एकत्र हो गए।
Karnal: Helipad damaged, venue vandalised in Kaimla village where Haryana CM Manohar Lal Khattar was scheduled to hold Kisan Mahapanchayat today. Protesting farmers had gathered here & were dispersed by Police, using tear gas shells.
— ANI (@ANI) January 10, 2021
CM’s Kisan Mahapanchayat has been cancelled. https://t.co/xDTHDqtFA2 pic.twitter.com/1WyqGD4UGm
प्रदर्शनकारियों ने हेलीपैड को तोड़ दिया
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एडीजीपी रैंक के अधिकारी को भी तैनात किया गया था। लेकिन किसान सभी बैरिकेड को तोड़कर आगे बढ़ गए। इस दौरान पुलिस के साथ किसानों की जबरदस्त झड़प भी हुई। पुलिस द्वारा रोके जाने के बावजूद किसानों ने कार्यक्रम स्थल पर लगे मंच को भी तोड़ दिया। आसपास लगे बैनरों को फाड़ दिया गया और हेलीपैड को भी नुकसान पहुँचाया गया, जहाँ सीएम खट्टर को उतरना था। इसकी वजह से अधिकारियों को सीएम के उतरने के लिए वैकल्पिक स्थल खोजने के लिए मजबूर होना पड़ा।
Farmers have dug up the interlocking tiles which formed the helipad where Haryana CM Manohar Lal Khattar was to land in a Karnal village pic.twitter.com/7OzpQCOjKf
— Man Aman Singh Chhina (@manaman_chhina) January 10, 2021
प्रदर्शनकारियों ने आयोजन स्थल पर की तोड़फोड़
इस बीच, पुलिस को बेकाबू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले, वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। हालाँकि, प्रदर्शनकारी वहाँ पहुँचने में सफल रहे, जहाँ किसान महापंचायत कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए उन्होंने आयोजन स्थल पर तोड़फोड़ की, बैनर फाड़ दिए और कुर्सियाँ फेंक दी। उन्होंने टेंट भी उखाड़ दिए, ताकि सीएम को आयोजन रद्द करना पड़े।
Farmers breaking through police ranks at the venue of Haryana CM Manohar Lal Khattar’s rally in Karnal. pic.twitter.com/yIZeRlQpgT
— Man Aman Singh Chhina (@manaman_chhina) January 10, 2021
आयोजन स्थल को नुकसान पहुँचाने के अलावा उन्होंने आयोजकों के साथ भी हाथापाई की। आयोजन में शामिल होने आए किसानों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। बता दें कि किसान महापंचायत कार्यक्रम कृषि कानूनों को लेकर किसानों के एक वर्ग के बीच व्याप्त आशंकाओं को दूर करने के लिए था। हालाँकि, प्रदर्शनकारियों ने राज्य में भाजपा नेतृत्व पर इस तरह की बैठकें आयोजित करके किसानों को विभाजित करने का आरोप लगाया है।