हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार प्रदेश के किसानों को फसलों में विविधता लाने पर सहायता उपलब्ध करवाएगी। इससे राज्य में भूजल स्तर को गिरने से रोकने में सहायता मिलेगी और साथ ही पर्यावरण के अन्य आयामों को भी सुरक्षित किया जा सकेगा। हरियाणा सरकार ने इस योजना का नाम ‘मेरा पानी- मेरी विरासत’ रखा है। इस योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 42,480 करोड़ लीटर पानी बचाया जाएगा। इस योजना को सबसे पहले वर्ष 2020 में चालू किया गया था।
किसानों को इसके तहत कम पानी लेने वाली फसलों को लगाने पर 7000 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वर्ष 2020 में प्रदेश के 41 हजार से अधिक किसानों ने इस योजना का लाभ लिया था। तब राज्य सरकार ने किसानों को 45 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि दी थी। इस पूरी कवायद में 22 हजार करोड़ लीटर से अधिक पानी की बचत की गई थी।
इस बार लक्ष्य है कि प्रदेश में 1.2 लाख एकड़ भूमि पर फसलों में विविधता लाई जाए। लगभग 84 करोड़ रुपए के बजट से इस बार 42 हजार करोड़ लीटर पानी बचाने की कवायद इस बार ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत की जाएगी। गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब में धान जैसी फसलों की खेती की अधिकता की वजह से कृषि भूमि का भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। यह समस्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी है। हरियाणा सरकार ने इससे निपटने के लिए अब फसल विविधता का निर्णय लिया है।
एक रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा के अंदर 60% गाँवों में भूजल की स्थिति गंभीर है। जितना पानी हर साल बारिश के कारण नीचे जमीन में रिचार्ज हो रहा है उससे कहीं अधिक सिंचाई में उपयोग हो जा रहा है। भविष्य में यह बहुत बड़ी दिक्कत पैदा कर सकता है। इससे मात्र खेती ही नहीं बल्कि रोजगार के क्षेत्र में भी बड़ा असर पड़ेगा। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में 61% जल स्रोतों से आवश्यकता से अधिक भूजल निकाला जा चुका है। इन्हीं सब चुनौतियों से लड़ने के लिए अब राज्य सरकार इन योजनाओं का सहारा ले रही है।