Friday, November 15, 2024
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‘अहमियत नहीं मिलने से नाराज हैं कार्यकर्ता’: हिमाचल कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने से किया इनकार, पेशोपेश में नेतृत्व

कॉन्ग्रेस अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। पार्टी में ना सिर्फ भगदड़ मची है, बल्कि जिन उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव 2024 का टिकट मिल रहा है, वो भी चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश राजपरिवार की प्रमुख और कॉन्ग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। उन्होंने इसकी सूचना पार्टी अध्यक्ष को दे दी है।

कॉन्ग्रेस अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। पार्टी में ना सिर्फ भगदड़ मची है, बल्कि जिन उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव 2024 का टिकट मिल रहा है, वो भी चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश राजपरिवार की प्रमुख और कॉन्ग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। उन्होंने इसकी सूचना पार्टी अध्यक्ष को दे दी है।

दरअसल, कॉन्ग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मंडी संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया। हिमाचल प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में सरकार रहते हुए कार्यकर्ताओं के लिए कुछ नहीं किया गया। ऐसे में कार्यकर्ता कॉन्ग्रेस को कैसे वोट देंगे। उन्हें प्रदेश में अहमियत नहीं मिल रही है।

उन्होंने कहा, “हमारे सामने छह विधायकों के रूप में एक नई चुनौती है, जिन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। उपचुनाव होने जा रहे हैं। इन छह सीटों पर चुनाव होना है और हमें सभी पर जीत हासिल करनी है। इन्हें जिताना मेरी जिम्मेदारी है। यही कारण है कि मैंने मंडी से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। पहले स्थिति बहुत अलग थी।” बता दें कि हिमाचल में अंतिम चरण में मतदान होना है।

मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह ने बुधवार (20 मार्च 2024) को कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, क्योंकि जमीनी स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने राज्य के हर क्षेत्र का व्यापक दौरा किया और पाया कि कोई भी कार्यकर्ता सक्रिय नहीं है। ऐसी स्थिति में सफलता मुश्किल है। आप सिर्फ सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (MPLAD) योजना निधि बाँटकर चुनाव नहीं जीत सकते।”

पूर्व बुशहर रियासत की महारानी प्रतिभा सिंह ने कहा, “मैंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है, क्योंकि मैं इसे लड़ने की स्थिति में नहीं हूँ। पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हैं, क्योंकि उनके लिए कुछ नहीं किया गया है। किसी भी चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। मैंने कई बार कहा कि कार्यकर्ताओं को महत्व देना जरूरी है, तभी हम प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला कर सकते हैं।”

प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने निर्णय के बारे में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया है। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश अध्यक्ष हैं, इसलिए सिर्फ एक सीटों तक केंद्रित नहीं रह सकती हैं। उन्हें पूरे राज्य की स्थिति देखनी है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को उन्होंने मंडी के लिए कौल सिंह ठाकुर का नाम सुझाया है, क्योंकि वे इस क्षेत्र में जाने माने नेता हैं और उन्हें जमीनी हकीकत की अच्छी समझ है।

वर्ष 2021 में मंडी संसदीय क्षेत्र से उपचुनाव जीतने वाली प्रतिभा सिंह ने कहा, “जहाँ तक बाकी टिकटों का सवाल है, हमारे पास अभी समय है। हिमाचल प्रदेश में 1 जून 2024 को मतदान है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी बैठक में कहा कि हमारे पास अभी समय है। कुछ दिनों में हम लोकसभा और विधानसभा की सीटों के लिए उम्मीदवार तय कर लेंगे।”

अभी कुछ ही समय पहले पार्टी के 6 बागी विधायकों को विधानसभा से बर्खास्त कर दिया गया था। धर, प्रतिभा सिंह के बेटे एवं कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी बीते दिनों राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार से इस्तीफा दे दिया था। वे सरकार के खिलाफ काफी मुखर थे। हमीरपुर, कांगड़ा और शिमला में मजबूत प्रत्याशियों की तलाश कर रही कॉन्ग्रेस के लिए मंडी एक नई मुसीबत बन गई है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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