Friday, November 8, 2024
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हिंदू संत और महंत हैं आतंकी-जल्लाद: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बोल, रामचरित मानस को बताया था बकवास

"हाल ही में मेरे द्वारा दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है। अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते। किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।"

समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू संतों और महंतों को ‘आतंकवादी’ व ‘जल्लाद’ कहा है। उनके इस बयान से एक बार फिर विवाद बढ़ता दिख रहा है। इससे पहले, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए प्रतिबंध लगाने की माँग की थी।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार (27 जनवरी 2023) को ट्वीट कर कहा है, “हाल ही में मेरे द्वारा दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है। अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते। किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।”

स्वामी प्रसाद ने इससे पहले बुधवार (25 जनवरी 2023) को भी साधु, संतों का अपमान किया था। उन्होंने रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान के बचाव में कहा था कि उनके कहने पर जनजाति, दलित, पिछड़े, और महिलाएँ मंदिर में आना बंद कर दें तो चढ़ावा बंद हो जाएगा। इससे उनकी पेट पूजा बंद हो जाएगी। इसलिए, वे (संत) पागलों की तरह भौंक रहे हैं।

बता दें कि समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद ने हिंदू संतों पर यह टिप्पणी अखिल भारतीय हिंदू महासभा के स्थानीय नेता सौरभ शर्मा के बयान के बाद की। दरअसल सौरभ शर्मा ने कहा था, “कोई भी साहसी व्यक्ति, अगर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काट देता है, तो उसे 51,000 रुपए का चेक दिया जाएगा। उन्होंने हमारे धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया है और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।”

इससे पहले, सोमवार (22 जनवरी 2023) को स्वामी प्रसाद ने कहा था कि अब करोड़ों लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, इसमें सब बकवास है। स्वामी प्रसाद ने सरकार से रामचरितमानस में कुछ अंश को आपत्तिजनक बताते हुए उसे हटाने की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि अगर वो अंश न हट पाए तो पूरी किताब को ही बैन कर देना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा था कि वो रामचरितमानस को धर्म ग्रंथ नहीं मानते क्योकि इस किताब को तुलसीदास ने अपनी खुद की खुशी के लिए लिखा था। स्वामी प्रसाद ने आरोप लगाया कि रामचरितमानस में कुछ ऐसी चौपाइयाँ हैं, जिनमें शूद्रों को अधम होने का सर्टिफिकेट दिया गया है। उन्होंने उन चौपाइयों को एक वर्ग के लिए गाली जैसे बताया। उन्होंने कहा था रामचरितमानस के हिसाब से ब्राह्मण भले ही कितना गलत करे वो सही और शूद्र कितना भी सही करे वो गलत होता है। मौर्य के अनुसार, अगर उसे ही धर्म कहते हैं वो ऐसे धर्म का सत्यानाश हो और ऐसे धर्म को वो दूर से नमस्कार करते हैं।

इस बयान के बाद शिवेंद्र मिश्रा नामक व्यक्ति ने सोमवार (24 जनवरी 2023) को समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। स्वामी प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए, 298, 504 505 (2) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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