छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके साथ ही कॉन्ग्रेस नेताओं की हिंदू घृणा भी सामने आने लगी है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने हिंदुत्व को संविधान के खिलाफ बताया है। वहीं छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने कहा है कि आदिवासी हिंदुओं से अलग हैं।
सिद्धारमैया ने कलबुर्गी में रविवार (5 जनवरी 2023) को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हिंदुओं को अपमानित करने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा, “हिंदुत्व संविधान के खिलाफ है। हिंदुत्व और हिंदू धर्म अलग-अलग हैं। मैं हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हूँ। मैं एक हिंदू हूँ, लेकिन मनुवाद और हिंदुत्व का विरोध करता हूँ। कोई भी धर्म हत्या और हिंसा का समर्थन नहीं करता है, लेकिन हिंदुत्व और मनुवाद हत्या, हिंसा और भेदभाव का समर्थन करता है।”
Hindutva is against Constitution.Hindutva & Hindu dharma are different.I’m not against Hindu religion. I’m a Hindu but oppose Manuvad&Hindutva. No religion supports murder&violence but Hindutva & Manuvad support murder, violence&discrimination: Siddaramaiah, in Kalaburagi (05.02) pic.twitter.com/KsqSotPCAf
— ANI (@ANI) February 6, 2023
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि यह उनका आखिरी विधानसभा चुनाव है। लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी वे पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। यह पहली बार नहीं है कि जब सिद्धारमैया ने हिंदू भावनाओं को आहत करने का काम किया है। इससे पहले मई 2022 में उन्होंने बीफ खाने को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “मैं हिंदू हूँ और मैंने अभी तक बीफ नहीं खाया है। पर चाहूँ तो बीफ खा सकता हूँ। यह मेरी मर्जी है।”
दूसरी ओर छत्तीसगढ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जनजातीय लोगों को हिंदू धर्म से अलग बताया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आदिवासी हिंदू से अलग होते हैं। हमारा पूजा-पाठ और शादी ब्याह का तरीका अलग-अलग होता है। इसलिए आदिवासी हिंदू नहीं होते हैं। आदिवासी लोग आदिकाल से रहने वाले लोग हैं। हमलोग जंगलों में रहते हैं। पूजा-पाठ करते हैं। हिंदू और आदिवासियों के रीति-रिवाज भी अलग होते हैं।”
बीजापुर से भाजपा के पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजाराम तोड़ेम ने कवासा के बयान का विराेध किया है। उन्होंने कहा है कि कवासी लखमा पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिए वह सनातन धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी के प्रमुख देवता शिव जी हैं। आदिवासी शिव जी को बुढ़ादेव के नाम से जानते हैं।