Sunday, November 17, 2024
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ममता बनर्जी को राजनीतिक शरणार्थी बना देगी बंगाल की जनता, CAA का विरोध पड़ेगा महँगा: अमित शाह

"कोरोना के मारे किसानों और उनके 6000 रुपए के बीच ममता बनर्जी आ रही हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी वहाँ लोकप्रिय हो जाएँगे, इस डर से वो राजनीति कर रही हैं। मोदी सरकार किसानों के खाते में रुपए भेजना चाहती है लेकिन किसानों की सूची राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (जून 9, 2020) को पश्चिम बंगाल की जनता को वर्चुअल रैली के जरिए सम्बोधित किया। उन्होंने बंगाली महापुरुषों और राजनीतिक हिंसा में मारे गए बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं को याद कर के अपने सम्बोधन की शुरुआत की और कहा कि उन सबके बलिदान का ‘सोनार बांग्ला’ के निर्माण में बड़ा योगदान होगा। उन्होंने तकनीकी माध्यम से 75 वर्चुअल रैलियों की बात करते हुए कहा कि कोरोना भी भाजपा के जनसम्पर्क अभियान को डिगा नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल एक ऐसा अकेला राज्य बन गया है, जहाँ राजनीतिक हिंसा अभी भी हो रही है और बंगाल की जनता ने पीएम मोदी की अपील मान कर भाजपा की झोली में 42 में से 18 सांसदों की सीटें डाल दी थीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ़ आंदोलन करने बंगाल में नहीं आई है बल्कि संस्कारी बांग्ला बनाने के लिए लड़ रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता ममता बनर्जी के पास है लेकिन स्थिति नहीं संभल रही है तो केंद्र को दोष दिया जा रहा है।

अमित शाह ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल का नेता चुना गया था, तभी उन्होंने बता दिया था कि उनकी सरकार ग़रीबों और पिछड़ों की सरकार होगी। उन्होंने पिछले 6 साल को परिवर्तन के साल बताया। उन्होंने कहा कि जन-धन के 31 करोड़ बैंक एकाउंट्स खोल गए। उन्होंने बताया कि सिर्फ़ कोरोना आपदा के बीच 51 करोड़ लोगों के बैंक एकाउंट्स में डायरेक्ट ट्रांसफर के माध्यम से पैसे पहुँचे। इससे पहले शाह ने वर्चुअल रैली के जरिए बिहार और ओडिशा को सम्बोधित किया था।

उन्होंने कहा कि 50 लाख लोगों के जीवन में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के कारण लाभ मिला है। लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस की सरकार ने इस डर से केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू नहीं किया क्योंकि नरेंद्र मोदी कहीं वहाँ लोकप्रिय नहीं हो जाएँ। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों के खाते में रूपए भेजना चाहती है लेकिन किसानों की सूची राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है।

अमित शाह ने बताया कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने 8 करोड़ महिलाओं को गैस सिलिंडर दिया, जिससे उन्हें लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने से आजादी मिली। उन्होंने बताया कि ढाई करोड़ लोगों के घर में मुफ्त बिजली का कनेक्शन पहुँचाया गया। साथ ही 10 करोड़ घरों के अंदर शौचालय पहुँचाया गया, ताकि माताओं-बहनों को शौच के लिए बाहर न निकलना पड़े। उन्होंने कहा कि 2022 तक ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत सभी को घर मिलेगा।

साथ ही अमित शाह ने ममता बनर्जी से भी हिसाब माँगा और कहा कि कहीं हिसाब के नाम पर वो भाजपा के मारे गए कार्यकर्ताओं और बम धमाकों की संख्या न बता दें। पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान पाकिस्तान से रोज आतंकी घुसते थे और सैनिकों के सिर काट कर ले जाते थे, दिल्ली दरबार में कोई चूँ नहीं करता था। उन्होंने उरी और पुलवामा के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की बात करते हुए कहा कि दुनिया को अब समझ में आ गया कि हमारे सैनिकों का ख़ून सस्ता नहीं है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान की बात करते हुए अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने की चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश के सभी लोग चाहते थे कि जहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, वहाँ एक भव्य राम मंदिर बने और कई आंदोलन हुए लेकिन कोर्ट के सामने सटीक दलीलें पीएम मोदी के आने के बाद ही रखी गईं, जिसके बाद लोकसभा में पीएम मोदी ने राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की घोषणा की।

उन्होंने आरोप लगाया कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण तीन तलाक मुद्दे को कोई छूता भी नहीं था। उन्होंने शाहबानो मामले पर कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा कोर्ट का निर्णय पलटे जाने की याद दिलाई। उन्होंने सीएए की चर्चा करते हुए कहा कि शरणार्थियों की यहाँ किसी ने सुध नहीं ली लेकिन भारत सरकार ने उन्हें सम्मान दिया। 1947 का वादा सीएए के जरिए 2019 में पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी इस फ़ैसले के बाद गुस्से से लाल हो गई थीं।

उन्होंने ममता बनर्जी से पूछा कि मतुआ और नामशूद्र समाज ने उनका क्या बिगाड़ा है? उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बंगाल की जनता ममता बनर्जी को ही राजनीतिक शरणार्थी बना देगी। जब मतपेटियाँ खुलेंगी तो उन्हें पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि ग़रीबों को अब तक शुद्ध पीने का पानी नहीं मिल रहा था। उन्होंने बताया कि गुजरात के कुछ हिस्सों में क्लोराइड के कारण युवाओं के बाल सफ़ेद हो जाते थे। शाह ने कहा:

“नरेंद्र मोदी ने जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया। देश के 25 करोड़ लोगों को शुद्ध पीने का पानी पहुँचाने का संकल्प लिया है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा बंगाल को मिलेगा। मोदी सरकार ने साढ़े 9 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 72 हज़ार करोड़ रुपए भेजे लेकिन ममता बनर्जी ने किसानों की सूची नहीं दी। उन्होंने कहा कि कोरोना के मारे किसानों और उनके 6000 रुपए के बीच ममता बनर्जी आ रही हैं। हमने मछुआरा विभाग अलग से बनाया। सीडीएस के पद की गठन की।”

उन्होंने जानकारी दी कि आदिवासी समाज के लिए 100 से भी अधिक ‘एकलव्य’ स्कूल का निर्माण करवाया, जिससे शिक्षा का दीप वहाँ तक पहुँचा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश को महामारी के ख़िलाफ़ इस तरह से तैयार किया कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ 130 करोड़ लोग भी लड़ रहे हैं, ये नेतृत्व का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जनता कर्फ्यू सफल हुआ, विदेशी हतप्रभ हो गए कि पुलिस के बिना ये कैसे संभव हुआ?

उन्होंने दावा किया कि विकसित राष्ट्र भी ये देखने आ रहे हैं कि भारत कोरोना से लड़ने में सफल हुआ। उन्होंने बताया कि 1.7 लाख करोड़ का पैकेज शुरुआत में ही दिया गया जिसके अंतर्गत महिलाओं के खातों में रुपए डाले, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को मदद की गई। गैस सिलिंडर मुफ्त दिए गए और ग़रीबों को मदद दी गई। उन्होंने आँकड़े गिनाए कि केंद्र सरकार की योजनाओं का पश्चिम बंगाल को क्या फायदा मिला है।

अमित शाह ने कहा कि जिस पश्चिम बंगाल रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद ने हिंदुत्व की अलख जताई थी, वहाँ आज बम धमाके हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी भाजपा नेताओं को रैली करने से रोकती हैं, पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज किया जाता है, होमगार्ड्स को टीएमसी की सेना बना कर रख दिया है। उन्होंने कहा की शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है और राज्य में भ्रष्टाचार की कोई सीमा ही नहीं है, गिनाए ही नहीं जा सकते।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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