अवैध घुसपैठियों को लेकर सरकार ने आँकड़े जारी किए हैं। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने पिछले 5 वर्षों का आँकड़ा दिया। गृह मंत्रालय के अनुसार, भारत-बांग्लादेश सीमा पर पिछले 5 सालों में 21,348 अवैध घुसपैठियों को प्रत्यर्पित किया गया है। ये आँकड़े 2015 से लेकर अब तक के हैं। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल द्वारा 9205 घुसपैठियों को गिरफ़्तार किया गया है। ये आँकड़े भी भारत-बांग्लादेश सीमा से सम्बंधित ही हैं और पिछले 5 सालों के हैं।
Home ministry: 21,348 infiltrators deported along Indo-Bangladesh border in last five years since 2015; 9,205 infiltrators arrested by BSF along Indo-Bangladesh border since 2015
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) February 11, 2020
वहीं इस दौरान गृह मंत्रालय ने कुछ अन्य जानकारियाँ भी दी। 1947 के भारत-पाक युद्ध की बात करते हुए बताया गया कि उस समय 31,619 ऐसे परिवारों को रजिस्टर किया गया था, जो विस्थापित हो गए थे। इनमें से 26,319 परिवार पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में बस गए थे। वहीं 5300 परिवारों ने जम्मू कश्मीर छोड़ कर देश के अन्य हिस्सों में बसना पसंद किया। वहीँ 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में छम्ब नियाबत क्षेत्र से 10,065 परिवार विस्थापित हुए।
MHA in LS: 31,619 displaced families from POJK regd after Indo-Pak war of 1947. Of these, 26,319 families settled in erstwhile State of J&K and 5,300 families moved to other parts of country. During Indo-Pak wars of 1965 & 1971, 10,065 families displaced from Chhamb Niabat area.
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) February 11, 2020
उधर मंगलवार को ही गृह मंत्रालय ने ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ को लेकर सवाल का जवाब दिया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि मंत्रालय के पास ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ को लेकर कोई सूचना नहीं है। मंत्रालय के पास इसकी कोई सूचना नहीं है कि ऐसे किसी गैंग के बारे में किसी जाँच एजेंसी ने सूचित किया हो। हालाँकि, कॉन्ग्रेस नेता विन्सेंट एच पाला और जसबीर सिंह गिल का ये सवाल ही बेहूदा था, क्योंकि ‘टुकड़े-टुकड़े’ कोई आधिकारिक शब्दावली है ही नहीं।