अपने विवादित बयानों, यूनिवर्सिटी में चोरी की किताबों और बेटे अब्दुल्ला के फर्जी दस्तावेजों के बाद समाजवादी नेता भूमाफिया आजम खान ने मीडिया से बातचीत में एक दिलचस्प बयान दिया है। शायरी से शुरुआत करते हुए रामपुर के सांसद ने कहा- “वो ख़त्म कर दो गिले आज मिलकर गले, खैर यूँ ही सही हम बुरे तुम भले।”
दरअसल, टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ बातचीत में लोकसभा चुनावों के लिए सपा और बसपा के गठबंधन के सवाल पर आजम खान शायराना अंदाज में अपनी बात रख रहे थे। आजम खान ने कहा कि चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष के रूप में खड़े होने के लिए दोनों दलों में समझौता हुआ था। सभी लोग ये बात जानते हैं कि दलित वोट बैंक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि अगर मुग़ल 1 ताजमहल की जगह 2000 विश्वविद्यालय बनाते तो आज मुस्लिम दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा समुदाय होता और आज भारत विश्वस्तर पर शिक्षा का केंद्र होता।
आजम खान ने कहा कि उन्होंने ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह) के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी के लिए काम किया। साथ ही आजम खान ने कहा कि नेता जी उनसे कहते थे- ‘देश बचेगा तो धर्म बचेगा, जब देश ही नहीं बचेगा तो धर्म कैसे बचेगा?’ इसी नारे ने हमें हिन्दू और मुस्लिमों के वोट दिलाने में मदद की। अब हम अखिलेश यादव के साथ नए सिरे से संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।