तेलंगाना में कॉन्ग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। जहाँ बंगाल से लेकर गुजरात तक पार्टी के नेता लगातार दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं, तेलंगाना में पूर्व मंत्री डीके अरुणा ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। डीके अरुणा तेलंगाना की एक शक्तिशाली राजनीतिक परिवार से आती हैं और उनका परिवार 1957 से ही गडवाल की राजनीति का एक अहम हिस्सा रहा है। अरुणा के भाजपा के टिकट पर महबूबनगर से चुनाव लड़ने का क़यास लगाए जा रहे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद अरुणा ने कहा:
“तेलंगाना में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए थोड़ी भी उम्मीदें नहीं बचीं हैं और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मैंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है। भाजपा सत्ता में वापस लौटेगी और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।”
Delhi: Former Telangana minister and Congress leader DK Aruna joins BJP in the presence of party president Amit Shah. Union Minister JP Nadda, BJP National General Secretary Ram Madhav and other leaders also present, pic.twitter.com/BADl7Jn6Zx
— ANI (@ANI) March 19, 2019
डीके अरुणा के ससुर सत्या रेड्डी 1957 और 1978 में गडवाल के विधायक बने थे। 1983 और 1985 में उनके बेटे समर सिम्हा रेड्डी क्षेत्र के विधायक बने। अरुणा समर रेड्डी के भाई भरत रेड्डी की पत्नी हैं। अरुणा गडवाल में अपने परिवार की राजनीतिक प्रतिष्ठा को आगे ले जाने में सफल रहीं और उन्होंने 2004, 2009 और 2014 में जीत कर विधानसभा पहुँचीं। 1994 में उनके पति भरत सिम्हा रेड्डी ने भी जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में दोनों भाई आमने-सामने थे। अरुणा के पिता चित्तम नरसी रेड्डी भी कॉन्ग्रेस के टिकट पर मकथल से विधायक बने थे।
डीके अरुणा राज्य के मुख्यमंत्री के चद्रशेखर राव से अपने तल्ख़ रिश्तों के लिए भी जानी जाती हैं। दोनों के बीच अक्सर बयानबाज़ी का दौर चलता ही रहता है। अरुणा के पिता एवं भाई की 2005 के एक नक्सली हमले में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद उनके दूसरे भाई राम मोहन रेड्डी विधायक बने थे। कुल मिला कर देखें तो अरुणा के साथ-साथ उनके पिता, पति, भाई, ससुर और देवर- ये सभी विधायक रह चुके हैं। अरुणा राजशेखर रेड्डी और रोसैया की कैबिनेट में राज्यमंत्री रह चुकी हैं।
DK Aruna,ex-Min&Telangana Congress party leader after joining BJP: TRS came to power 2nd time due to several reasons. Today,there’s no hope for Congress to come to power in Telangana again.I joined BJP as there’s need for BJP to come to power there to fulfill people’s aspirations pic.twitter.com/jIRpKWobe2
— ANI (@ANI) March 19, 2019
जोगुलाम्बा गड्वाल जिले के गठन में भी अरुणा अहम भूमिका थी। उन्होंने इसके लिए के चंद्रशेखर राव पर दबाव डाला था। उनका घर क्षेत्र की राजनीति का मुख्यालय माना जाता है। भाजपा ने डीके अरुणा का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से तेलंगाना में पार्टी को मज़बूती मिलेगी। 2018 के विधानसभा चुनाव में 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में कॉन्ग्रेस के 19 विधायक जीत कर पहुँचे थे, जिसमे से 8 विधायक पार्टी छोड़ कर टीआरएस में जा चुके हैं।