अपनी हिंदूवादी छवि को लेकर हमेशा मुखर रहने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने ताजा बयान में कहा है कि भारत का संबंध हिंदुओं से है, फिर चाहे वो विश्व के किसी भी कोने में रहने वाले हिंदू हों। अगर उन्हें यहाँ सुरक्षित महूसस होता है तो वो यहाँ रह सकते हैं।
टाइम्स नाऊ के शिखर सम्मेलन 2021 के प्रोग्राम में हिमंता बिस्वा ने बुधवार (10 नवंबर 2021) को पत्रकार पद्मजा जोशी से बातचीत के दौरान उक्त बात कही। उनसे एंकर ने पूछा था कि क्या वो बांग्लादेश के बंगाली हिंदुओं को भारत की नागरिकता दिलाने और उन्हें असम में बसाने की बात का समर्थन करते हैं।
At @TimesNow Summit, spoke about the need for CAA in the backdrop of Afghan crisis, role of PFI in Dholpur clashes & much more.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 10, 2021
Also reiterated that India belongs to Hindus & whenever they feel persecuted elsewhere they have a right to come back to their motherland. pic.twitter.com/kbV4tiu0DF
सरमा ने जोशी के सवाल पर कहा, “भारत हिंदुओं से संबंध रखता है। हर हिंदू का अधिकार है कि जब भी उन्हें लगता है कि वो वहाँ सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे तों वो भारत में आएँ।” उन्होंने आगे कहा, “भारतीय शब्द 1947 में अस्तित्व में आया लेकिन 7000 सालों से हम हिंदुओं के तौर पर जाने जाते हैं। मैं सभ्यता में यकीन रखता हूँ। ये सनातन सभ्यता है। जब हमें संविधान मिला तो ये भारत कहलाया। लेकिन आप हमें हमारी जड़ों से नहीं अलग कर सकते। हर हिंदू जो मुश्किल में हैं उनके पास उनकी मातृभूमि है कि वो यहाँ वापस आ जाएँ।”
#TimesNowSummit | Assam CM @himantabiswa shares his perspective on the Citizenship Amendment Act.#TimesNowSummit2021 pic.twitter.com/YUzWKEMHRL
— TIMES NOW (@TimesNow) November 10, 2021
बाहरी देशों में रहने वाले हिंदुओं के भारत आने और यहाँ उन्हें बसाने के मुद्दे पर अपना पक्ष एकदम साफ करने के बाद उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ भी हुआ उसे देखने के बाद भारत में किसी को भी सीएए और एनआरसी का विरोध नहीं करना चाहिए, जहाँ अल्पसंख्यकों को देश छोड़ भागना पड़ा। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि अब सीएए पास होने की सराहना हो रही होगी।”
असम में मदरसों और कट्टरपंथी विचारों पर अपनी राय रखते हुए सरमा ने कहा कि यहाँ कुछ लोग हैं जो मदरसों से मुल्ले बनाना चाहते हैं लेकिन वह यहाँ मेडिकल कॉलेज बनाकर उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते हैं। वह कहते हैं, “ये उनकी (मुस्लिमों) की इच्छा है कि वो अपने बच्चे को डॉक्टर बनाना चाहते हैं या मुल्ला।”
उन्होंने कहा, “अगर मैं किसी मुस्लिम इलाके में जाऊँ और कहूँ कि मैं उनके बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहता हूँ, तो उन्हें खुश होना चाहिए। सभी को मुस्लिम इलाकों में जाकर मदरसों को बंद करने के लिए कहना चाहिए। उन्हें (मुसलमानों को) स्कूल खोलने के लिए कहा जाना चाहिए। राजनेताओं में यह कहने की हिम्मत होनी चाहिए कि अगर एक हिंदू लड़की पीएचडी स्कॉलर या डॉक्टर बन सकती है, तो आप अपनी बेटियों पर प्रतिबंध कैसे लगा सकते हैं?”
बता दें कि सरमा ने असम में सरकारी मदरसों को दी जाने वाली हर किस्म की फंडिंग पर प्रतिबंध लगाया है। वह कहते हैं कि भले ही जब वो मुस्लिम समुदाय के लोगों को विकास के रास्ते पर लाने की कोशिश करते हैं तो हिंदू वोटर उनसे नाराज हो सकता है लेकिन जब वो मुस्लिम बहुल इलाके में जाकर कहते हैं कि मदरसे बंद हो तो ये सबसे कठिन चुनाव होता है।