समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर वाराणसी में स्याही फेंकी गई है। रामचरितमानस का अपमान करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की गाड़ी को काले झंडे भी दिखाए गए। उनका जम कर विरोध प्रदर्शन हुआ। उन्हें युवाओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। उस समय वो वाराणसी से सोनभद्र जा रहे थे। रास्ते में कुछ लोग उनका स्वागत करने के बहाने खड़े थे, जो हाथों में फूल और मालाएँ लिए हुए थे। उन्हें देख कर सपा नेता का काफिला भी रुका।
इसी दौरान युवकों ने उन पर काली स्याही फेंकी और साथ ही काले झंडे दिखाए। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य नगवा ब्लॉक के मऊ महोत्सव में में शामिल होने के लिए जा रहे थे, उसी दौरान ये घटना हुई। हालाँकि, इस दौरान कोई हिंसा नहीं हुई और न ही किसी को कोई चोट आई है। स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस का विरोध करने और तुलसीदास को जातिवादी ठहराने के कारण चर्चा में हैं। इसके बाद से ही हिन्दू उनसे नाराज़ हैं।
बताया जा रहा है कि टेंगरा मोड़ पर हुई इस घटना में भाजपा के कई कार्यकर्ता शामिल थे। हालाँकि, स्याही स्वामी प्रसाद मौर्य पर नहीं पड़ी और उनकी गाड़ी पर ही लगी। उनके काफिले पर काले कपड़े भी फेंके गए। इस दौरान ‘जय श्री राम’ का नारा गूँजता रहा। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल भाजपा नेता दीपक सिंह राजवीर ने कहा कि स्वामी प्रसद मौर्य बार-बार सनातन धर्म पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज कभी रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी माफ़ नहीं करेगा।
वाराणसी-#स्वामी_प्रसाद_मौर्य पर फेंकी गई स्याही, गाड़ी पर फेंका गया काला झंडा।
— Hemendra Tripathi (@hemendra_tri) February 12, 2023
वाराणसी से सोनभद्र जाते समय रास्ते मे फेंकी गई स्याही, #रामचरित_मानस के ऊपर विवादित टिप्पणी को लेकर किया गया विरोध। pic.twitter.com/JIgPwM5WSK
उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई की माँग करते हुए कहा कि उन्हें माफ़ी माँगनी ही होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा नेता का मकसद सिर्फ और सिर्फ देश को बाँटने की है, उनका न कोई सिद्धांत है और न ही कोई विचार। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को मौकापरस्त बताते हुए याद दिलाया कि कैसे उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती के पाँव छुए थे। उन्होंने याद दिलाया कि अब यही मौर्य मायावती को गाली देते हैं। बता दें कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी स्वामी के बयान का समर्थन किया था।