कर्नाटक में जदएस-कॉन्ग्रेस सरकार गिरने के चंद दिनों के भीतर ही प्रदेश कॉन्ग्रेस नेताओं की आपसी लड़ाई तेज हो गई है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने के लिए शीर्ष नेताओं के बीच खींचतान चल रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, वरिष्ठ नेता जी परमेश्वरा और डीके शिवकुमार केन्द्रीय नेताओं के सामने इस पद पर अपनी दावेदारी जता चुके हैं। एएनआई ने वरिष्ठ कान्ग्रेस नेता के हवाले से बताया है कि पॉंच साल सीएम रहे सिद्धरमैया की लोगों के बीच छवि अच्छी है। लेकिन, उप मुख्यमंत्री रहे परमेश्वरा और शिवकुमार भी इस पद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इसके लिए तीनों नेता सभी विकल्प आजमा रहे हैं।
प्रदेश कॉन्ग्रेस की आखिरी बैठक में वीरप्पा मोइली, परमेश्वरा, दिनेश गुंडु राव, रहमान खान, सिद्धरमैया, केएच मुनियप्पा, शिवकुमार, रामलिंगा रेड्डी सहित राज्य के सभी नेताओं ने नेता विपक्ष पद को लेकर अपने विचार रखे थे। एक नेता ने बताया कि ज्यादातर नेता चाहते हैं कि सिद्धरमैया विपक्ष का नेता बनें। जनाधार होने के साथ-साथ उन्हें वित्त सहित राज्य के अन्य मसलों की गहरी जानकारी है। पार्टी कार्यकर्ता भी सिद्धरमैया को ही इस पद पर देखना चाहते हैं।
लेकिन, कॉन्ग्रेस नेता के मुताबिक शिवकुमार अपने लिए पर्दे के पीछे से सक्रिय हैं। दो विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने वाले परमेश्वरा भी इस पद के लिए बेकरार बताए जाते हैं।
कॉन्ग्रेस में यह उठापठक ऐसे वक्त में चल रही है जब गुरुवार को कॉन्ग्रेस-जदएस के 15 बागी विधायकों ने तत्कालीन स्पीकर आर रमेश कुमार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गठबंधन सरकार गिरने के बाद रमेश कुमार ने इन विधायकों को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक तत्काल प्रभाव से अयोग्य करार दिया था।