लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारे को लेकर चल रहा बवाल फिलहाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा। बंगाल में जय श्री राम के नारे को लेकर टीएमसी और भाजपा आमने-सामने हैं। अब इस विवाद पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
अमर्त्य सेन ने कहा है कि ‘जय श्री राम’ के नारे का बंगाली संस्कृति से कोई संबंध नहीं है। सेन ने कहा कि ‘माँ दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्री राम’ का नारा बंगाली संस्कृति से जुड़ा हुआ नहीं है। उनका कहना है कि उन्होंने पहले कभी जय श्री राम का नारा नहीं सुना। अब इसका इस्तेमाल लोगों को पीटने के लिए किया जा रहा है। सेन के अनुसार, जय श्री राम का बंगाली संस्कृति से कोई संबंध नहीं है।
Nobel laureate Amartya Sen: I asked my four-year-old grandchild who is your favourite deity? She replied, ‘Maa Durga’. The significance of Maa Durga can’t be compared with Ram Navami. (July 5) https://t.co/pnXqrNNjTi
— ANI (@ANI) July 6, 2019
अमर्त्य सेन ने ये बात शुक्रवार (जुलाई 5, 2019) को जादवपुर विश्वविद्यालय में कही। उन्होंने कहा कि आज कल राम नवमी काफी लोकप्रिय हो रही है, मगर उन्होंने पहले कभी इसके बारे में नहीं सुना। उनका कहना है कि ‘माँ दुर्गा’ बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं और अब बंगाल में जय श्री राम का इस्तेमाल लोगों को पीटने के लिए किया जा रहा है। साथ ही सेन ने कहा कि उन्होंने अपनी चार साल की पोती से पूछा कि आपका पसंदीदा भगवान कौन है, तो उसने जवाब देते हुए कहा कि ‘माँ दुर्गा’ उसकी पसंदीदा देवी हैं। सेन का कहना है कि रामनवमी के साथ माँ दुर्गा के महत्त्व की तुलना नहीं की जा सकती।
West Bengal BJP President Dilip Ghosh on Amartya Sen remark ‘Jai Shri Ram slogan has no association with Bengali culture’: Amartya Sen probably doesn’t know Bengal. Does he know about Bengali or Indian culture? Jai Shri Ram is chanted in very village. Now entire Bengal says it. pic.twitter.com/7BumOIb5YY
— ANI (@ANI) July 6, 2019
अमर्त्य सेन के इस बयान पर अब पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि शायद अमर्त्य सेन बंगाल को नहीं जानते हैं। क्या वो बंगाल और भारतीय संस्कृति के बारे में जानते हैं? जय श्री राम का नारा अधिकतर जगहों पर लगाया जाता है और अब पूरा बंगाल इसे कह रहा है।
गौरतलब है कि, जय श्री राम बीते लोकसभा चुनाव से ही बंगाल में चर्चा में बना हुआ है। आम लोगों से ज्यादा यह नारा सियासी गलियारों में गूँजता दिखाई दे रहा है। बंगाल में जय श्री राम का नारा भाजपा की पहचान का पर्याय बन गया है और इस नारे को लगाने वाले की पहचान भारतीय जनता पार्टी के समर्थक के तौर पर होने लगी है। ऐसा देखा गया है कि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जय श्री राम के नारे से काफी चिढ़ती हैं और जय श्री राम बोलने पर वो लोगों को जेल भी भिजवा चुकी हैं।