आखिरकार जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को खत्म कर दिया गया है। फारुक अब्दुल्ला की नजरबंदी हटाने का आदेश राज्य सरकार ने शुक्रवार (मार्च 13, 2020) को जारी किया।
रोहित कंसल, प्रमुख सचिव योजना, जम्मू और कश्मीर: सरकार ने डॉ.फारूक अब्दुल्ला की नज़रबंदी को खत्म करने का आदेश दिया। pic.twitter.com/l9TPYzPRj7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2020
घाटी में नेताओं की नजरबंदी पर उठे सवालों पर सरकार ने स्पष्ट किया था कि फारूक को (Public Safety Act) के तहत नजरबंद किया गया था। यह महज संयोग ही है कि फारूक अब्दुल्ला को जिस ऐक्ट के तहत नज़रबंद किया गया है, उसे उनके पिता शेख अब्दुल्ला ही लेकर आए थे। वास्तव में 1978 में इस एक्ट को लकड़ी की तस्करी करने वालों के खिलाफ लाया गया था।
दरअसल, घाटी में अनुच्छेद-370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त करने के बाद अगस्त 05, 2019 को फारूक अब्दुल्ला को उनके ही घर पर नजरबंद किया गया था। करीब 7 महीने बाद सरकार ने उनकी नजरबंदी को खत्म किया है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के कुछ प्रावधानों को निष्क्रीय करने और विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद से घाटी में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए वहाँ के स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर लिया गया था। इनमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन सहित कई अन्य नेता शामिल थे।