अक्सर अपने विवादित बयानों के चलते सुर्ख़ियों में रहने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ़्ती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया। इस बार उन्होंने अपने बयान में युवाओं को शामिल किया है। महबूबा मुफ़्ती ने अपने बयान में कहा है कि जम्मू कश्मीर के युवाओं के पास हथियार उठाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। उनका कहना था कि नौकरी नहीं होने की वजह से घाटी के युवा हथियार उठा रहे हैं।
आज प्रेस वार्ता करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “जब राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया और अनुच्छेद 370 हटा कर इसे बाँटा गया है, तब से घाटी में आतंकवाद बढ़ा है। उनके कार्यकाल में आतंकवाद काफी बढ़ा है, हर गाँव से लगभग 10 से 15 युवा एक साथ हथियार उठा कर आतंकवाद की राह स्वीकार कर रहे हैं।” जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री का कहना था कि इस तरह की घटनाएँ इसलिए हो रही हैं क्योंकि यहाँ के लोगों की आवाज़ दबाई जा रही है।
इस मुद्दे पर उन्होंने कहा, “क्योंकि आपने आम लोगों की आवाज़ दबाई है, लोगों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। यहाँ के युवा सोच रहे हैं कि या तो वह जेल जा सकते हैं या फिर वो हथियार उठा सकते हैं। ऐसे में वह सोचता है कि मरने से बेहतर यही होगा कि वह हथियार उठा ले। लोगों को अपनी बात रखने का मौक़ा नहीं दिया जा रहा है, इसलिए ऐसा हो रहा है।” इसके बाद महबूबा मुफ़्ती ने पाकिस्तान और चीन से बातचीत करने का समर्थन किया।
दोनों पड़ोसी देशों से संवाद का समर्थन करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “अगर हम चीन से बात कर सकते हैं तो पाकिस्तान से क्यों नहीं कर सकते हैं? पिछले काफी समय से सरकार चीन से निवेदन कर रही है कि वह हमारी ज़मीन लौटा दे। इन लोगों ने हमसे हमारा झंडा तक छीन लिया और यहाँ बाहर के लोगों को बसाया जा रहा है। 370 को ख़त्म करके जम्मू कश्मीर को बेचा गया है, हमारी नौकरियाँ बेची जा रही हैं।”
इसके बाद महबूबा मुफ़्ती ने महागठबंधन को मिली बढ़त के लिए तेजस्वी को बधाई भी दी। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “आज इनका (भाजपा) का समय है, कल हमारा समय आएगा। इनका हाल भी ट्रंप की तरह ही होगा, बॉर्डर के रास्ते खुलने ही चाहिए। हमारा झंडा हमें वापस दो, हम चुनाव इकट्ठे लड़ रहे हैं। जम्मू कश्मीर के टुकड़े कर दिए गए हैं, इस तरह की ताकतों को दूर करने के लिए हमने हाथ मिलाया है। हमसे हमारा अधिकार छीना नहीं जा सकता है।”
महबूबा मुफ़्ती की तरफ से यह बयान ठीक उस दिन आया है, जब पीएजीडी (PAGD) गठबंधन ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले पर जल्दी सुनवाई को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पीएजीडी जम्मू कश्मीर की कुल 7 मुख्यधारा वाले राजनीतिक दलों का गठबंधन है। इसका गठन 15 अक्टूबर को हुआ था और इसका उद्देश्य जम्मू कश्मीर को वापस विशेष राज्य का दर्जा दिलाना है।