भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की संदिग्ध मृत्यु की जाँच नहीं होने दी। मुखर्जी नेहरू कैबिनेट में इंडस्ट्री एवं सप्लाई मंत्री का कार्यभार संभाल चुके थे। जून 23, 1953 को श्रीनगर में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। आज रविवार (जून 23, 2019) को उनकी पुण्यतिथि के मौके पर नड्डा ने कहा कि पूरा देश चाहता था कि उनकी मृत्यु की जाँच हो, लेकिन नेहरू ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि नेहरू ने जनता की माँग नहीं मानी लेकिन भाजपा उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगी।
बता दें कि इस बार पश्चिम बंगाल सरकार ने भी डॉक्टर मुखर्जी की पुण्यतिथि को मनाने का निर्णय लिया है। ममता बनर्जी ने यह निर्णय लिया कि राज्य सरकार उनकी पुण्यतिथि मनाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के एक अधिकारी का मानना है कि तृणमूल को समझ में आ गया है कि देश में हिंदुत्व से जीतने के लिए बंगाली पहचान काफ़ी नहीं है, इसलिए वह अब डॉक्टर मुखर्जी को अपना नेता बताने की कोशिश कर रही है। कोलकाता के केयोरतला बर्निंग घाट पर केंद्र सरकार द्वारा डॉक्टर मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई व उनके बलिदान को याद किया गया।
अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत मामले में जांच के आदेश नहीं देने का आरोप लगाया https://t.co/lNqbBl8EVF
— आज तक (@aajtak) June 23, 2019
जुलाई 6, 1901 को कोलकाता में जन्में मुखर्जी समूचे जम्मू कश्मीर को बिना किसी शर्त भारत का सम्पूर्ण और अभिन्न अंग बनाने की वकालत करते रहे थे। वे अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संघर्ष करते रहे थे। 1953 में जब वे जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकले, तब उन्हें नज़रबंद कर लिया गया था और उसी दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी। मुखर्जी ने नेहरू से विवाद होने व जम्मू कश्मीर पर कॉन्ग्रेस से अपनी राय अलग होने के कारण पार्टी से दूरी बना ली थी। उस समय शेख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी कह चुके हैं कि मुखर्जी नेहरू और अब्दुल्ला के ‘षड्यंत्र’ का शिकार हुए।
BJP National President and Home Minister Shri @AmitShah, BJP Working President Shri @JPNadda pay tributes to Dr Syama Prasad Mookerjee on his Martyrdom Day at BJP Headquarters. pic.twitter.com/CzDgeHy5w6
— BJP (@BJP4India) June 23, 2019
जनसंघ के संस्थापक मुखर्जी को भाजपा के अभिभावक के रूप के देखा जाता है क्योंकि जनसंघ ने ही बाद में जाकर भारतीय जनता पार्टी का रूप लिया। मुखर्जी व दीन दयाल उपाध्याय को भाजपा के वैचारिक स्तम्भ के रूप में देखा जाता है और पार्टी उनके आदर्शों पर चलने की बात कहती है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डॉक्टर मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।