कर्नाटक की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) ने एनडीए (NDA) का दामन थाम लिया है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा इस पार्टी के अध्यक्ष हैं। उनके पुत्र और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद JDS के NDA से जुड़ने की घोषणा की गई।
कुमारस्वामी से मुलाकात की पुष्टि करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, “हमारे वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की। मुझे खुशी है कि जेडीएस (एस) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा बनने का फैसला किया है। हम एनडीए में उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं। इस गठबंधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और एनडीए के ‘नया भारत, मजबूत भारत’ के विजन को मजबूती मिलेगी।”
Met Former Chief Minister of Karnataka and JD(S) leader Shri H.D. Kumaraswamy in the presence of our senior leader and Home Minister Shri @AmitShah Ji.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) September 22, 2023
I am happy that JD(S) has decided to be the part of National Democratic Alliance. We wholeheartedly welcome them in the NDA.… pic.twitter.com/eRDUdCwLJc
दरअसल, इस माह की शुरुआत में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने कहा था कि जनता दल (सेक्युलर) जल्द ही एनडीए का हिस्सा बन जाएगी। भाजपा और जद(एस) के बीच सीट शेयरिंग तक पर बात हो चुकी है। उन्होंने दावा किया था कि जद(एस) और भाजपा के बीच गठबंधन से एनडीए कर्नाटक की 25-26 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल होगी।
इस बारे में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ कई बैठकें की थीं। देवगौड़ा ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य में क्षेत्रीय पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करना जरूरी है। दरअसल, साल 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में जेडीएस को सिर्फ 19 सीटें मिली हैं। यह साल 1999 के बाद के अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था।
बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक में 28 में से 25 सीटें जीती थीं। एक निर्दलीय ने भी भाजपा के समर्थन से जीत दर्ज की थी। वहीं, कॉन्ग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में कॉन्ग्रेस ने 21 सीटों पर और जेडीएस ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ एक-एक सीट ही दोनों पार्टियों को मिली थी। इस बार जेडीएस 7 की जगह 4 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी और सीटों के बंटवारे को लेकर उसकी भाजपा के साथ सहमति बन चुकी है।