बिहार में एनडीए के सहयोगी जनता दल यूनाईटेड के प्रवक्ता अजय आलोक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आलोक ने ट्विटर पर अपने इस्तीफे की तस्वीर ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी। आलोक ने अपनी और पार्टी की विचारधारा मेल न खाने के कारण ये कदम उठाया है।
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 13, 2019
अजय ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि वो उनके लिए शर्म का कारण नहीं बनना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने पद से इस्तीफ़ा दिया है। आलोक ने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के काम पर सवाल उठाने के बाद दिया है।
I have resigned as a Spokesperson from JDU as I think I am not doing good job as my views which are mine ofcourse do not match with my party , Thanks to my Party and my President who has always supported me and I don’t want to be a source of embarrassment for @NitishKumar ,
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 13, 2019
दरअसल, 11 तारीख़ को आलोक ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने बांग्लादेशी शरणार्थियों के मुद्दे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसा था। साथ ही एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों पर भी निशाना साधा था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “सिर्फ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोसने से काम नहीं चलेगा अपने तंत्र को कसने की जरूरत है, खासकर तब जब अमित शाह हमारे गृह मंत्री हैं। अवैध घुसपैठ पे रोक अति आवश्यक है। अब नहीं होगा तो कब होगा।”
सिर्फ़ @MamataOfficial को कोसने से काम नहीं चलेगा अपने तन्त्र को कसने की ज़रूरत हैं ख़ासकर तब जब @AmitShah जी हमारे गृह मंत्री हैं । illegal immigration पे रोक अति आवश्यक हैं । अब नहीं होगा तो कब होगा ?
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 12, 2019
अजय आलोक ने बीएसएफ अधिकारियों को लेकर बुधवार को भी बड़ा बयान दिया था। मीडिया खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा था कि सीमा पर बीएसएफ के अधिकारी 5000 रुपये लेकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करवाते हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा था कि बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात ऐसे बीएसएफ अधिकारी जो 7-8 वर्षों से वहीं पर जमे हुए हैं, उनकी संपत्ति की जाँच हो। उनका कहना है कि बांग्लादेशी शरणार्थी ऐसे ही भारत में नहीं आ गए हैं।
आयकर अधिकारियों की सेवा समाप्त कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध संकल्पित होने का संदेश दिया हैं @narendramodi जी ने लेकिन अब ज़रूरत हैं BSF के अधिकारी जो बांग्लादेश और बर्मा में पिछले 10-15 वर्षों में तैनात थे उनकी सम्पत्ति की जाँच हो । ऐसे ही बांगलादेशी और रोहिंग्या नहीं आ गए यहाँ !!
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 12, 2019