Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'राम सिर्फ हिंदुओं के भगवान नहीं, सबके हैं': फारूक अब्दुल्ला के बदले सुर, कहा-...

‘राम सिर्फ हिंदुओं के भगवान नहीं, सबके हैं’: फारूक अब्दुल्ला के बदले सुर, कहा- कभी नहीं दिया पाकिस्तान का साथ

इससे पहले सितंबर 20222 में फारूक ने पीडीपी की अध्यक्ष मुफ्ती महबूबा के हिंदुत्व के एजेंडे के दावे को खारिज कर दिया था। फारूक ने कहा था कि अगर कोई हिंदू अजमेर दरगाह पर जाता है तो क्या वो मुस्लिम हो जाता है। महबूबा ने कहा था कि भाजपा कश्मीर घाटी में मुस्लिम स्कूली बच्चों को हिंदू भजन 'रघुपति राघव राजा राम' गाने के लिए मजबूर कर रही है।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने कहा है कि भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं, बल्कि सबके भगवान हैं। उन्होंने लोगों से धर्म के आधार पर बाँटने की कोशिशों के प्रति सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि देश को मजबूत बनाने सबको एक साथ खड़ा होना होगा।

फारूक ने 19 नवंबर 2022 को कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) उनके पिता शेख अब्दुल्ला (Sheikh Abdullah) से मिलने आए थे, लेकिन उन्होंने जिन्ना के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने कभी पाकिस्तान (Pakistan) के साथ हाथ नहीं मिलाया।

बता दें फारूक अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। अभी दो पहले उन्होंने अपनी पैतृक पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को 5 दिसंबर 2022 को होने वाले पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में चुने जाने की संभावना है। इस तारीख तक वे पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष बने रहेंगे।

भाजपा (BJP) पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए फारूक ने कहा, “कोई भी धर्म बुरा नहीं है, उसके इंसान जो भ्रष्ट हैं, धर्म नहीं… वे चुनाव के दौरान ‘हिंदू खतरे में है’ का बहुत उपयोग करेंगे। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इसके शिकार न हों। भारत में 70 से 80 प्रतिशत हिंदू आबादी है और क्या आपको लगता है कि वे खतरे में पड़ जाएँगे?”

इससे पहले सितंबर 20222 में फारूक ने पीडीपी की अध्यक्ष मुफ्ती महबूबा (Mufti Mehbooba) के हिंदुत्व के एजेंडे के दावे को खारिज कर दिया था। फारूक ने कहा था कि अगर कोई हिंदू अजमेर के मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जाता है तो क्या वो मुस्लिम हो जाता है।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाने वाली महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि भाजपा स्कूलों में अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही थी और कश्मीर घाटी में मुस्लिम स्कूली बच्चों को हिंदू भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाने के लिए मजबूर कर रही है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस का कभी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया

फारूक अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कभी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कभी भी पाकिस्तान का पक्ष नहीं लिया और हमेशा भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहा। हमने कभी पाकिस्तान से हाथ नहीं मिलाया। जिन्ना मेरे पिता से मिलने आए थे, लेकिन हमने उनसे हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।”

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वह समय दूर नहीं जब जम्मू, कश्मीर और लद्दाख एक बार फिर एक हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि नौकरशाही शासन लोकप्रिय सरकार का विकल्प नहीं है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तैयारियाँ जोरों पर हैं। वहाँ के मतदाता सूची को अपडेट करने का काम तेजी से किया जा रहा है। हालाँकि, चुनाव को लेकर अभी तारीखें तय नहीं हुई हैं, लेकिन माना जा रहा है कि अगले साल जनवरी-मार्च के बीच कभी भी चुनाव कराया जा सकता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -