आतंकी मंसूबों को नाकाम करने के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में उठाए जा रहे कदमों पर जारी राजनीतिक बयानबाजी को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने शुक्रवार देर रात मिलने आए नेताओं को शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की नसीहत दी। साथ ही कहा कि अमरनाथ यात्रा को लेकर जारी एडवाइजरी और अन्य मसलों को जोड़कर ‘बेवजह का डर’ पैदा किया जा रहा है।
राज्यपाल से पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन तथा इमरान रजा अंसारी ने मुलाकात की। इसके बाद राजभवन ने बयान जारी कर कहा कि नेताओं ने एडवाइजरी और सरकार की ओर से उठाए गए अन्य कदमों से कश्मीर घाटी में डर की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएँ जताई।
The delegation of political leaders in the meeting with J&K Governor expressed concerns about “panic situation in Kashmir valley created by developments during the day including the advisory issued by the government asking Amarnath Yatris & tourists to return as soon as possible. https://t.co/wUhPEEP2Vl
— ANI (@ANI) August 2, 2019
जवाब में मलिक ने कहा कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के पास विश्वसनीय सूचनाएँ हैं। लिहाजा सरकार ने यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने को कहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से उठाए जा रहे कदमों को अन्य मुद्दों से जोड़कर भय का वातावरण बनाया जा रहा है।
सैनिकों की तैनाती और विभिन्न आदेशों से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे कुछ बड़े फैसलों को लेकर अटकलें जोरों पर है। इसके कारण घाटी में लोगों ने राशन और अन्य आवश्यक सामान जमा करने शुरू कर दिए हैं।
Former J&K CM Mehbooba Mufti: The PM talks of winning the hearts of people of J&K. Then, why are such rumours doing the rounds. The Amarnath yatris & tourists are being sent back. But, you are not thinking where the Kashmiris, people of Jammu and Ladakh will go? https://t.co/JaUW5hVA5C
— ANI (@ANI) August 2, 2019
गौरतलब है कि सेना ने शुक्रवार को खुफिया जानकारियों का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसके तुरंत बाद, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों से घाटी की अपनी यात्रा में ‘‘कटौती करने’’ और जल्द से जल्द लौटने को कहा था।
J&K govt issues security advisory in the interest of #AmarnathYatra pilgrims and tourists, “that they may curtail their stay in the Valley immediately and take necessary measures to return as soon as possible”, keeping in view the latest intelligence inputs of terror threats. pic.twitter.com/CzCk6FnMQ6
— ANI (@ANI) August 2, 2019
यात्रा मार्ग से हथियार और विस्फोटक बरामद होने की सूचना देते हुए सेना ने कहा था कि सुरक्षा बल तीर्थयात्रियों पर हमले के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं। एक जुलाई से शुरू हुई यात्रा फिलहाल खराब मौसम की वजह से रुकी हुई है। यात्रा 4 अगस्त से दोबारा शुरू होने की उम्मीद है और यह 15 अगस्त को संपन्न होगी।