जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर पलटवार किया है। राज्यपाल ने कहा है कि अपनी पार्टी को दफन कर देने वाले नेता के ज्ञान पर वे क्या कह सकते हैं। चौधरी ने कहा था कि सत्यपाल मलिक जिस तरह की बातें कर रहे हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि उन्हें जम्मू-कश्मीर बीजेपी का अध्यक्ष बना देना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा, “उन्होंने संसद में बोल कर अपनी पार्टी को दफन कर दिया। मैं उनके ज्ञान पर क्या कह सकता हूं? मैं पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहा हूॅं। इस तरह के आरोपों की मैं परवाह नहीं करता।”
J&K Governor SP Malik on Adhir Ranjan Chowdhury's remark 'Governor should be made J&K BJP chief': By saying what he said in Parliament, he buried his party in the grave. What do I say on his knowledge? I'm doing my work with utmost devotion, I don't care about these allegations. pic.twitter.com/CbGXTcCjM0
— ANI (@ANI) August 26, 2019
राज्यपाल का संदर्भ लोकसभा में कॉन्ग्रेस संसदीय दल के नेता चौधरी के उस बयान को लेकर था जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मसला बता दिया था। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पर सरकार की ओर से लाए गए बिल पर बहस के दौरान चौधरी ने यह बात कही थी। उनके इस बयान ने कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गॉंधी को भी असहज कर दिया था।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा था, “जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल को राज्य बीजेपी इकाई का अध्यक्ष बना देना चाहिए। उनकी टिप्पणी और बयान बिलकुल बीजेपी नेताओं की तरह होते हैं। जिस तरह से वह बात करते हैं वह राज्यपाल के संवैधानिक कार्यालय की सत्यनिष्ठा को बरक़रार नहीं रखते ।”
Adhir Ranjan Chowdhury, Congress: I think the Governor of Jammu & Kashmir should be made the BJP (Bharatiya Janata Party) President for J&K because his behaviour as well as his statements are more like that of a BJP leader. pic.twitter.com/z1uoz8uxZt
— ANI (@ANI) August 26, 2019
इसके आगे उन्होंने कहा, “जम्मू और कश्मीर के स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लोगों को बोलने की अनुमति नहीं है। जो लोग जम्मू-कश्मीर जाना चाहते हैं उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है।” बता दें कि शनिवार (24 अगस्त) को कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को श्रीनगर एयरपोर्ट से प्रशासन ने लौटा दिया था।
रविवार (25 अगस्त) को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बताया था कि अनुच्छेद-370 निरस्त किए जाने और लद्दाख व जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के 20 दिनों बाद कोई जानलेवा हिंसात्मक घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा था कि अगर संचार संबंधी सुविधाएँ बंद हैं और इससे लोगों की जान बच सकती है तो इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती है।
इसके अलावा, राज्यपाल मलिक ने इस बात से भी अवगत करायाथा कि जम्मू-कश्मीर में दवाइयों और आवश्यक चीज़ों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि ईद के ख़ास मौक़े पर सब्ज़ियाँ और मीट लोगों के घरों तक पहुँचाए गए। पिछले 20 दिनों में 23.31 करोड़ रुपए की दवाइयाँ रिटेल दुकानों तक पहुँचाई गईं, जो आम दिनों की तुलना में अधिक हैं।