फ्लोर टेस्ट के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही कयास लग रहे थे कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे देंगे। शुक्रवार को ऐसा ही हुआ। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। शीर्ष अदालत ने बहुमत साबित करने के लिए उन्हें आज शाम पॉंच बजे तक का वक्त दिया था।अब राज्य में शिवराज के नेतृत्व में बीजेपी सरकार के गठन की उम्मीद जताई जा रही है। विधानसभा के मौजूदा गणित के हिसाब से बीजेपी के पास जरूरी नंबर हैं।
MP political crisis: Kamal Nath announces resignation ahead of floor test
— ANI Digital (@ani_digital) March 20, 2020
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राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस सरकार 15 महीने से चल रही थी। 22 विधायकों की बगावत के कारण सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद से सरकार फ्लोर टेस्ट से बच रही थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सदन में फजीहत से बचने के लिए कमलनाथ ने इस्तीफे का फैसला लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने उनके कार्यकाल के दौरान साजिश रची और उनकी सरकार गिराने के हर मुमकिन प्रयास किए। कमलनाथ ने कहा कि 11 दिसंबर 2018 को पिछली विधानसभा का परिणाम आया, जिसमें कॉन्ग्रेस सबसे अधिक सीटें हासिल करके आई। 17 दिसंबर को मैंने शपथ ली और 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल की शपथ ली। आज 20 मार्च है, इस दौरान हमारा प्रयास प्रदेश की तस्वीर बदलने का रहा। 15 महीनों में मेरी क्या गलती थी, मेरा क्या कसूर था। अपने राजनीतिक जीवन में मैंने काम पर विश्वास रखा।
#MadhyaPradesh CM Kamal Nath: The people of this country can see the truth behind the incident where MLAs are being held hostage in Bengaluru…The truth will come out. People will not forgive them. pic.twitter.com/nyxetiM4ZZ
— ANI (@ANI) March 20, 2020
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम कमलनाथ के चेहरे पर निराशा साफ दिखी। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने उनके 22 विधायकों को बंधक बनाया और ये पूरा देश बोल रहा है। उनके अनुसार करोड़ों रुपए खर्च करके ये खेल खेला गया और इसकी सच्चाई थोड़े समय में सामने आएगी। उन्होंने कहा हमने तीन बार विधानसभा में अपनी बहुमत साबित किया। मगर, बीजेपी की ओर से जनता के साथ विश्वासघात किया जा रहा है और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है, जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
#WATCH I have decided to tender my resignation to the Governor today: #MadhyaPradesh CM Kamal Nath pic.twitter.com/DlynuxzGtO
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अपने कार्यो को गिनाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में आम लोगों के लिए काम किया और माफियों का खत्म करने का काम किया, लेकिन ये सब भाजपा को रास नहीं आया। उनका मानना है कि उनकी सरकार पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा। लेकिन भाजपा ने धोखा दिया और उन्हें काम नहीं करने दिया।
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन हो चुका है। कॉन्ग्रेस के 22 और बीजेपी के एक विधायक के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद 205 विधायक बचे हैं। यानी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 103 विधायकों का समर्थन चाहिए। बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के नेतृत्व में सरकार बननी तय दिख रही है। हालॉंकि शिवराज के विधायक दल का नेता चुने की औपचारिकता बची हुई है।