कर्नाटक में 10 मई 2023 को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी जबकि 13 मई को वोटों की गिनती होगी। इसके पहले एशियानेट-जन की बात ने अपना ओपिनियन पोल जारी किया है। इस ओपिनियन पोल में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है। हालाँकि भारतीय जनता पार्टी 98-109 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। 225 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटों की आवश्यकता है।
एशियानेट-जन की बात ओपिनियन पोल के अनुसार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा और कॉन्ग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। पोल के अनुसार जहाँ बीजेपी के खाते में 98-109 सीटें जाती दिख रही हैं वहीं कॉन्ग्रेस को 89-97 सीटों पर कामयाब रहने का अनुमान लगाया गया है। ओपिनियन पोल के अनुसार 25-29 सीटें जीतकर जनता दल सेक्युलर (JDS) तीसरे नंबर पर रह सकती है।
Region Wise Estimate indicate BJP maintaining a decisive lead in Coastal Karnataka, Surging beyond Congress in Kittur Karnataka , & neck & neck fight in Bengaluru Region. Congress dents the JDS stronghold of Old Mysore#JanKiBaatKarnatakaPoll
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) April 14, 2023
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ओपिनियन पोल के अनुसार ओल्ड मैसूर क्षेत्र की 57 सीटों में से भाजपा को सिर्फ 12 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। वहीं कॉन्ग्रेस को 23 और जेडीएस के खाते में 22 सीटें जा सकती हैं। कोस्टल कर्नाटका की 19 सीटों में से 16 भारतीय जनता पार्टी को मिल सकती हैं जबकि सिर्फ 3 सीटें कॉन्ग्रेस को मिलती नजर आ रही हैं। यहाँ जेडीएस और अन्य का खाता खुलना भी मुश्लिक है।
उसी तरह बेंगलुरु क्षेत्र की 32 सीटों में से 15 भाजपा को तो 14 कॉन्ग्रेस को मिलने का अनुमान है। यहाँ जेडीएस को 3 सीटें मिल सकती हैं। कर्नाटक के हैदराबाद क्षेत्र जिसे अब कल्याण कर्नाटक के नाम से जाना जाता है में कॉन्ग्रेस को 23 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि भाजपा को यहाँ 16 सीटें मिल सकती हैं। जेडीएस को सिर्फ 1 सीट पर संतोष करना पड़ सकता है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में भी किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं हो सका था। बीजेपी ने 2018 में 104 सीटें हासिल की थीं। कॉन्ग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें प्राप्त हुई थीं। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद कॉन्ग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली थी। 2019 में विधायकों के पार्टी बदलने की वजह से सरकार गिर गई थी और बीजेपी ने सत्ता में वापसी की थी।