कर्नाटक में मैसूर शहर के मेयर पद के लिए हुए चुनाव में ऐतिहासिक रूप से पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। इसी के साथ शहर की नई मेयर बीजेपी की सुनंदा पलनेत्रा बन गई हैं। 65 सदस्यों वाले मैसूर सिटी कार्पोरेशन (एमसीसी) में बीजेपी की सुनंदा को 26 वोट मिले। इसके बाद कॉन्ग्रेस के 19 और जेडीएस के 17 सदस्य हैं।
मैसूर में पाँच निर्दलीय और बीएसपी का एक सदस्य है। रिपोर्ट के मुताबिक, आखिरी मिनट तक ऐसी अटकलें थीं कि जेडी (एस) और कॉन्ग्रेस एमसीसी में अपना गठबंधन जारी रखेंगे। इस समीकरण के लिए कॉन्ग्रेस ने छह महीने के लिए मेयर पद की माँग की थी, जबकि शेष दो साल के लिए जेडी (एस) को यह पद दिया जाना था।
हालाँकि, भाजपा नेताओं ने जेडी (एस) नेता और पूर्व मंत्री एसआर महेश से चुनाव में अपने लिए समर्थन माँगा था। इससे सियासी माहौल बीजेपी के पाले में चला गया और पिछली बार मेयर बनने से चूँकी सुनंदा पलनेत्रा ने इस बार मेयर का पद हासिल कर लिया।
बीजेपी नेता और मैसूर के प्रभारी मंत्री एसटी सोमशेखर ने किसी भी तरह के गुप्त समझौते से इनकार किया है। उन्होने कहा, “भाजपा के उम्मीदवार ने अपना नामाँकन दाखिल किया और सबसे अधिक वोट हासिल कर जीत दर्ज की।”
उन्होंने आगे कहा, “जब से एमसीसी अस्तित्व में आया है, तब से कोई भी भाजपा सदस्य मेयर नहीं बना था। मैं सुश्री पलनेत्रा को उनके चुनाव के लिए बधाई देता हूँ और अपनी पार्टी के नेताओं को पहली बार ऐसा करने में उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूँ।”
पिछले चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष आर ध्रुवनारायण और विधायक तनवीर सैत सहित कॉन्ग्रेस नेताओं ने चुनाव की योजना बनाने के लिए एक बैठक में हिस्सा लिया था। भाजपा के मेयर की जीत को रोकने के लिए पार्टी जेडी (एस) के साथ गठबंधन में थी।
गौरतलब है कि इससे पहले जेडी (एस) की रुक्मिणी मेड गौड़ा शहर की मेयर थीं। उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट ने झूठा संपत्ति हलफनामा पेश करने पर अयोग्य घोषित कर दिया था, जिससे मेयर पद खाली हो गया था।