कर्नाटक के कोप्पल में गदा और धनुष वाले बिजले के खंबों को हटाने का आदेश देने वाले फैसले को पलट दिया गया है। हिंदुओं की एकजुटता को देखते हुए कलेक्टर ने खंबों को हटाने का आदेश रद्द कर दिया। कलेक्टर के आदेश की कॉपी भी सामने आ गई है।
This marks a significant victory for the organized efforts of Hindus in Karnataka.
— Girish Bharadwaj (@Girishvhp) August 29, 2024
Tahsildar has retracted the order to remove the electricity poles displaying symbols of Gadha, arrows, and bows from the roads of Gangavati, Hanuman's birthplace, following strong opposition from… https://t.co/cesTt4k5yG pic.twitter.com/E6uEj4fbyT
बता दें कि कोप्पल के तहसीलदार ने बुधवार (28 अगस्त 2024) को गंगावती तालुका की सड़कों पर सजावट के लिए लगाए गए बिजली के खंबों को हटाने का आदेश दिया था। गंगावती तालुका बगरंग बली का जन्मस्थान माना जाता है। यहाँ मंदिर की तरफ जाने वाली सड़कों पर बिजली के खंबे लगाए गए थे, जिनपर बजरंग बली के ‘गदा’ और भगवान राम के ‘धनुष’ जैसी आकृतियाँ थी। तहसीलदार ने ये आदेश प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई के मुखौटा राजनीतिक संगठन SDPI की शिकायत के बाद दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सार्वजनिक जगहों पर “हिंदू धार्मिक प्रतीकों” को लगाने के लिए कर्नाटक ग्रामीण अवसंरचना विकास निगम (केआरआईडीएल) के इंजीनियर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। ये कार्रवाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की आपत्ति के बाद की गई थी। SDPI बैन आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा है। SDPI ने कहा था कि इन धार्मिक प्रतीकों की वजह से उसकी धार्मिक भावनाएँ आहत हो रही हैं।
तहसीलदार नागराज द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “केआईआरडीएल द्वारा लगाए गए बिजली के खंभे इस तरह से बनाए गए हैं कि वे धार्मिक सद्भाव और भावनाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे शहर में सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना है और इन्हें तुरंत हटा दिया जाना चाहिए। तहसीलदार नागराज ने केआरआईडीएल इंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज कर उचित कार्रवाई करने और रिपोर्ट सौंपने का सुझाव दिया है।” जानकारी के मुताबिक, ये विशेष खंबे गंगावती इलाके के राणा प्रताप सक्रिल और जूलिया नगर में लगाए गए हैं।
Koppal, Karnataka | On August 28, Gangavathi Tehsildar ordered the removal of electric poles placed on the road from July Nagar to Maharana Pratap Circle in Gangavathi Nagar. He also suggested filing a case against the Karnataka Rural Infrastructure Development Limited (KRIDL).… pic.twitter.com/J8uYXBwqKc
— ANI (@ANI) August 29, 2024
बता दें कि गंगावती (कोप्पल जिला) में अंजनाद्री पहाड़ियों को भगवान हनुमान के जन्मस्थान माना जाता है। ये प्रतीक (धनुष और गदा) सिर्फ़ इसलिए लगाए गए था कि अंजनाद्री पहाड़ियों की ओर जाने वाले भक्तों को भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
पब्लिक टीवी की स्थानीय रिपोर्ट बताती है कि धनुष और गदा के प्रतीक वाले बिजली के खंभे अंजनाद्री पहाड़ियों की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के मन में धार्मिक प्रेरणा पैदा करने के लिए लगाए गए हैं। स्थापना के दौरान, यह भी स्पष्ट किया गया था कि यह कार्य किसी अन्य सांप्रदायिक इरादे से नहीं किया जा रहा था।
लेकिन, एसडीपीआई ने 21 अगस्त को कहा था कि “बिजली के खंभों में धार्मिक प्रतीक हैं जो गंगावती में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं।” एसडीपीआई ने यह भी दावा किया कि बिजली के खंभों पर लगे ये हिंदू धार्मिक प्रतीक समाज की शांति के लिए खतरा हैं। जिसके बाद तहसीलदार ने सांप्रदायिक वैमनस्य का हवाला देते हुए लैंप हटाने को कहा था।
Shame on Hindu Hater Congress!
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) August 29, 2024
Gangavathi, Karnataka is birthplace of Bhagwan Hanuman Ji. Street lights in shape of Gada, Bow and Arrow had been installed there.
SDPI wrote to Congress govt saying "these symbols threaten social peace"
Congress Govt has ordered removal of light… pic.twitter.com/Uw9qzde5R7
इससे पहले, भाजपा के जनार्दन रेड्डी ने उत्तर प्रदेश में भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या की तर्ज पर अंजनाद्री पहाड़ियों के विकास की माँग की थी। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए राज्य कोष से 120 करोड़ रुपये जारी करने की भी माँग की थी।
मूल रूप से ये रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित की गई है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।