कर्नाटक विधान परिषद में सदन की मर्यादा उस समय तार-तार हो गई, जब कॉन्ग्रेस एमएलसी ने जबरदस्ती विधान परिषद के अध्यक्ष को कुर्सी से उतार दिया। इस मामले में कॉन्ग्रेस एमएलसी प्रकाश राठौड़ ने कहा कि बीजेपी और जेडीएस ने अध्यक्ष को गैरकानूनी तरीके से चेयरमैन बना दिया, जब सदन ऑर्डर में नहीं था। उन्होंने कहा कि बीजेपी के द्वारा यह असंवैधानिक काम करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने आगे कहा कि कॉन्ग्रेस ने उन्हें चेयर से नीचे उतरने को कहा। हमें उन्हें कुर्सी से उतारना पड़ा, क्योंकि यह अवैध था। इस घटना के बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि कुछ पार्षद उन्हें कुर्सी की तरफ घसीट रहे हैं और बाकी उन्हें नीचे उतार रहे हैं।
#WATCH Karnataka: Congress MLCs in Karnataka Assembly forcefully remove the chairman of the legislative council pic.twitter.com/XiefiNOgmq
— ANI (@ANI) December 15, 2020
बीजेपी एमएलसी लहर सिंह सिरोया ने कहा, “कॉन्ग्रेस MLCs ने गुंडों की तरह व्यवहार किया और वाइस चेयरमैन को कुर्सी से नीचे घसीट लिया। उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। हमने काउंसिल के इतिहास में इससे शर्मनाक दिन नहीं देखा है। मुझे खुद शर्म महसूस हो रही है कि जनता हमारे बारे में क्या सोच रही होगी।”
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में बुधवार (9 दिसंबर, 2020) को गोवंश वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 को पारित कर दिया गया। इस दौरान भी कॉन्ग्रेस ने काफी हंगामा किया। इस बिल में गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार एवं गो-हत्या में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान भी है। बिल पेश होने के बाद भी जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष के नेता सिद्धारमैया आसन के पास आ गए थे।
विधान परिषद में जब गोरक्षा विधेयक पेश किया गया तो इसके खिलाफ वोटिंग के लिए कॉन्ग्रेस ने व्हिप जारी किया। कार्यवाही शुरू हुई तो चेयर पर डेप्युटी चेयरमैन थे जिसे देखकर कॉन्ग्रेस एमएलसी भड़क गए। कॉन्ग्रेस सदस्यों ने डेप्युटी चेयरमैन अश्वथनारायण को खींचकर चेयर से हटा दिया। कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा कि सदन में जो कुछ भी हुआ वह बर्दाश्त के काबिल नहीं है। सर्वदलीय बैठक में डेप्युटी चेयरमैन के द्वारा सदन चलाए जाने पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि कानून पास कराने के लिए कोर्ट का रास्ता खुला है। वह गवर्नर से भी इस बाबत मुलाकात करेंगे।
चिक्कमंगलुरु के विधायक गो-हत्या का विरोध और इसके खिलाफ सख्त कानून की माँग रखते हुए ट्वीट किया था, “मैंने पशुपालन मंत्री श्री प्रभु चव्हाण से कहा है कि कर्नाटक पशु वध संरक्षण और मवेशी संरक्षण विधेयक कैबिनेट में पारित हो और आगामी विधानसभा सत्र में भी पेश किया जाए।”