कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार के योजना और सांख्यिकी मंत्री दशरथैया सुधाकर ने राम मंदिर और पुलवामा हमले को एक बता दिया है। वोटों की राजनीति के लिए वो ये कहने से भी नहीं चूके कि आगामी लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए राम मंदिर का निर्माण किया गया है। ये पुलवामा हमले की तरह एक महज एक राजनीतिक स्टंट है।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया सरकार के इस मंत्री ने राम मंदिर के लिए दिए अपने दान की भी नुमाइश कर डाली। चित्रदुर्ग में रविवार (31 दिसंबर, 2023) को मीडिया से बात करते हुए मंत्री डी सुधाकर ने भगवान राम के मंदिर प्रोजेक्ट को लेकर पीएम मोदी की सरकार की मंशा पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि यह ध्यान भटकाने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति हो सकती है।
वो यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा, “ये सब महज स्टंट हैं। पहले, उन्होंने पुलवामा में दिखाया और अब वे भगवान राम की तस्वीर दिखा कर वही कर रहे हैं। लोग भोले नहीं हैं। हमें दो बार धोखा दिया गया, और मुझे विश्वास है कि हम तीसरी बार धोखा नहीं खाएँगे।” उन्होंने आगे कहा, “यह सच है कि राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में है।
मंत्री सुधाकर ने यह भी दावा किया कि सभी ने भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए दान और ईंटों के प्रतीकात्मक दान कर योगदान दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम सभी के पूजनीय हैं और भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। कर्नाटक के मंत्री ने आगे कहा, “हम सभी ने भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए धन का योगदान दिया। मैंने दान दिया, रघुराम ने योगदान दिया और हमने ईंटें भी दान कीं। इन सभी में भगवान राम पूजनीय हैं। हम वहाँ भेदभाव नहीं कर सकते।”
मंत्री सुधाकर ने ये भी आरोप लगाया कि इस तरह के कोशिशें आध्यात्मिकता की आड़ में मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास हैं। उन्होंने पिछले चुनावों से तुलना की करते हुए कहा कि इन चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पुलवामा हमले का कथित तौर पर फायदा उठाया गया था।
सुधाकर ने सवाल दागा,”पिछली बार, उन्होंने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पुलवामा का इस्तेमाल किया। लोगों को यह विश्वास दिलाकर प्रभावित किया गया कि वे देश की रक्षा करेंगे। लेकिन पिछली बार कितनी जानें गईं?” उन्होंने आरोप लगाया, ” बीजेपी वोट हासिल करने के लिए भारत की धार्मिक मान्यताओं का इस्तेमाल कर रही है। पिछले चुनाव में राम मंदिर कहां था?”
हालाँकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने अपनी सरकार के मंत्री डी सुधाकर के इस बयान को ढाँपने की पुरजोर कोशिश की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और उनकी पार्टी राम मंदिर के पूर्ण समर्थन में है। सिद्दारमैया ने रविवार को कहा, “हम अयोध्या राम मंदिर के मुद्दे के खिलाफ नहीं हैं, हम मंदिर निर्माण के भी खिलाफ नहीं हैं, हम राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं, हम राम मंदिर के पक्ष में हैं।”
बताते चलें कि फरवरी 2018 में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा जिले के लेथापोरा में 40 सेना के जवानों को ले जा रही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की बस पर आत्मघाती हमलावर ने हमला किया था।
हमले के कुछ दिनों बाद, भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी, 2018 को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी शिविर पर हवाई हमले किए। IAF ने पाँच स्पाइस 2000 बम गिराए थे। इनमें से चार इमारतों की छतों में घुस गए थे जहाँ आतंकी सो रहे थे। कहा जाता है कि हवाई हमले में सैकड़ों आतंकवादी मारे गए।