लोकसभा चुनाव 2019 में हुई शर्मनाक हार को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 26 मई को कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर लोकसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार पर चर्चा करेंगे। इसके लिए दिल्ली के पंजाबी बाग क्लब में पार्टी नेताओं को बुलाया गया है। खबर है कि इस हार की समीक्षा से सबक लेकर आम आदमी पार्टी नई रणनीति के साथ आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में तत्परता से जुटेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने प्रेसवार्ता बुलाई। इसमें उन्होंने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर कराए गए एक आकलन से पता चलता है कि एक तरफ लोग मोदी को जिताने के लिए वोट कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ लोग मोदी को हराने के लिए भी वोट कर रहे थे।
पार्टी का साफ़ मानना है कि मोदी जी को जिताने वालों की संख्या ज्यादा थी। जिससे दिल्ली में भी मोदी जी को एक बड़ी जीत हासिल हुई। लेकिन साथ ही आम आदमी पार्टी का अभी भी मानना है कि विधानसभा चुनाव में लोग दोबारा से केजरीवाल को ही मुख्यमंत्री चुनेंगे।
यहाँ तक कि 24 मई को अलका लाम्बा ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “काश किसी की कुछ तो सुनी होती, जीतते ना सही, कम से कम जमानत तो जप्त ना होती। 2015 में 70 में से 67 जीतने वाले 2019 आते-आते 7 में से 3 पर जमानत ही जब्त करवा बैठे। अभी भी देर नही हुई, जनता को हमेशा एक अच्छे विकल्प की तलाश रहती है, बस जरूरत है फ़ालतू के घमंड को छोड़कर, हार से सबक लेने की।”
पार्टी की तरफ से बोलते हुए गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पूर्ण राज्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। पार्टी का मानना था कि अगर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जीत कर संसद जाते हैं तो दिल्ली के लिए केंद्र से लड़कर और बेहतर काम करा सकेंगे। लेकिन चुनाव में जो वोट पड़े वो नरेंद्र मोदी और राहुल गाँधी के नाम पर पड़े।
गोपाल राय ने कहा कि हमें ईवीएम पर किसी भी तरह का संदेह नहीं है। हम दिल्ली लोकसभा चुनाव पर मंथन कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और जीतेगी।