केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने शुक्रवार को विवादों को न्योता देते हुए पीके कुंजानाथन को श्रद्धांजलि दी। हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए कुंजानाथन का गुरुवार (11 मई 2020) को निधन हुआ था। विजयन सहित केरल CPI(M) के नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए इस कदर जुटे जैसे किसी नायक की मौत हुई हो।
आंतों में इंफेक्शन होने की वजह से तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कुंजानाथन हो गया था। वे 72 वर्ष के थे। कोझिकोड जिले में सीपीआई (एम) के बागी नेता टीपी चंद्रशेखरन की 2012 में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कुंजानाथन सहित 11 लोग 2014 में दोषी पाए गए थे। हालॉंकि तबीयत खराब होने की वजह से कुंजानाथन को बाद में जमानत दे दी गई थी।
सीपीआई (एम) की कन्नूर एरिया कमिटी के मेंबर रहे कुंजानाथन सीएम विजयन के सहयोगी रहे थे। रामचंद्रन की हत्या में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे ऐसे कॉमरेड थे जिसने नि:स्वार्थ भाव से पार्टी की सेवा की।
अपने फेसबुक पोस्ट में विजयन ने दावा किया कि कुंजानाथन एक प्रतिबद्ध सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा में बिताया।
हालाँकि, मुख्यमंत्री द्वारा एक हत्या के आरोपी की जयजयकार और प्रशंसा करना सोशल मीडिया यूज़र्स को अच्छा नहीं लगा। साथ ही नागरिकों ने भी एक हत्यारे को सपोर्ट करने पर सीएम को खूब-खरी खोटी सुनाई।
केवल विजयन ही नहीं, सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति के सदस्यों सहित कई कम्युनिस्ट नेताओं ने कुंजानाथन को श्रद्धांजलि दी। वे अस्पताल भी उनका हालचाल लेने जाते थे। उनके निधन पर ‘शहीद जो कभी नहीं मरेगा’ के नारे भी लगे।
साल 2012 में टीपी चंद्रशेखरन ने वैचारिक मतभेदों के कारण पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा क्रूरतापूर्वक उनकी हत्या कर दी गई थी। जाँच से पता चला था कि चंद्रशेखरन को 51 बार चाकू मारा गया था।
पुलिस को बाद में जाँच के दौरान यह भी पता चला था कि चंद्रशेखरन की हत्या का मास्टरमाइंड कुंजानाथन था। जुलाई 2014 में अदालत ने सीपीआई (एम) नेता को दोषी ठहराया था। हालाँकि इसके बाद में वे विवादों में रहे। 2016 में राज्य में वामपंथी सरकार की वापसी के बाद उन्हें अक्सर परोल दिया जाने लगा। इस साल 14 मई को उन्हें इलाज के लिए तीन महीने की जमानत दी गई थी।
बता दें कि छह साल की सजा के दौरान कुंजानाथन ने 400 से अधिक दिनों के परोल का लाभ उठाया। इस दौरान वे पार्टी के कार्यक्रमों में भी शिरकत करते थे। हत्या का दोषी होने के बावजूद उन्हें सीपीआई (एम) क्षेत्रीय समिति का नेता चुना गया था।