केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने सोमवार (27 जून 2022) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश के सभी दावों को बेबुनियाद बताते हुए कहा था, “केरल से यूएई में कोई बैग नहीं भेजा गया था।” हालाँकि, जब रिपब्लिक टीवी ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा की गई पूछताछ में पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर के बयान को एक्सेस किया तो कुछ और ही पाया। दस्तावेज के मुताबिक, पूर्व प्रधान सचिव ने सीएम के दावे के विपरीत बयान दिया है और स्वप्ना सुरेश के बयान का समर्थन किया है।
जब सोना तस्करी मामले में सीमा शुल्क विभाग ने एम शिवशंकर से पूछा कि क्या 2016 के अंत या 2017 की शुरुआत में उन्होंने स्वप्ना सुरेश के माध्यम से केरल के मुख्यमंत्री (जो उस समय संयुक्त अरब अमीरात में थे) को डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में एक पैकेट भेजने का अनुरोध किया था। पूर्व आईएएस अधिकारी ने इस बात को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा, “हाँ। माननीय मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण करने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की अपनी पहली यात्रा पर गए थे। वहाँ अपनी यात्रा के दौरान वह कई अहम व उच्च पदों पर आसीन लोगों से मुलाकात कर रहे थे। हमेशा की तरह उस बार भी यह निर्णय लिया गया कि कुछ स्मृति चिन्ह गणमान्य व्यक्तियों को दिए जाने चाहिए।”
उन्होंने आगे खुलासा किया कि प्रतिनिधिमंडल के यूएई के लिए रवाना होने से पहले केवल एक स्मृति चिन्ह तैयार था। अन्य तीन या चार स्मृति चिन्ह जो बाद में तैयार किए गए थे, उन्हें यूएई तक पहुँचाना था और इसके लिए मैंने वाणिज्य दूतवास से मदद करने का अनुरोध किया था। उन्होंने सीमा शुल्क विभाग को बताया उसी दिन या अगले दिन यूएई में प्रतिनिधिमंडल को स्मृति चिन्ह वितरित करने की व्यवस्था की गई थी।
गौरतलब है कि सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने 7 जून 2022 को मुख्यमंत्री विजयन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। कोच्चि की अदालत में पेशी के बाद उसने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि विजयन डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी में शामिल थे। उसने कहा था, “इस मामले में मैंने अदालत से केरल के मुख्यमंत्री, उनके पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर, विजयन की पत्नी कमला, बेटी वीणा, उनके अतिरिक्त निजी सचिव सी.एम. रवींद्रन, पूर्व नौकरशाह नलिनी नेट्टो और पूर्व मंत्री के.टी. जलील की संलिप्तता के बारे में भी बताया है। साथ ही मैंने कोर्ट में अपनी सुरक्षा की माँग करते हुए याचिका भी दायर की है।”
क्या है गोल्ड स्मगलिंग केस
केरल में सोना तस्करी का मामला जुलाई 2020 में सामने आया था। डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी का मामला स्वप्ना सुरेश से शुरू हुआ और फिर इसके तार मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के दफ्तर तक पहुँच गए। स्वप्ना सुरेश पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी डाक्यूमेंट्स पेश कर 2 जुलाई 2020 को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का प्रयोग कर खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी की। इसका खुलासा 6 जुलाई को तब हुआ, जब कस्टम के अधिकारियों ने यूएई कॉन्सुलेट के एक अधिकारी से पूछताछ की, जो PRO के पद पर तैनात था।