पश्चिम बंगाल के कोलकाता में चल रहे पुस्तक मेले में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा बाँटी जा रही हनुमान चालीसा की पुस्तकों पर पुलिस ने अचानक से रोक लगा दी। पुलिस ने बताया कि इसके वितरण से बाहरी लोग भावनाओं में बह सकते हैं, जिससे माहौल खराब भी हो सकता है। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया।
कोलकाता के सेंट्रल पार्क में चल रहे 44वें अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में रविवार को विश्व हिंदू परिषद द्वारा हनुमान चालीसा की पुस्तकें लोगों को वितरित की जा रही थीं। इस बात की जानकारी जैसे ही ममता सरकार की पुलिस को हुई, उन्होंने तत्काल मौके पर पहुँचकर हनुमान चालीसा के वितरण पर रोक लगा दी। उन्होंने बताया कि हनुमान चालीसा के वितरण से शहर में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है, पुस्तक मेले में आने वाले लोग भावनाओं में बह सकते हैं।
https://platform.twitter.com/widgets.jsKolkata: Police Stop VHP From Handing Out Hanuman Chalisa; Later Allow After They Ask Why Bible, Quran Are Being Distributedhttps://t.co/zMB7TMiLId
— Swarajya (@SwarajyaMag) February 10, 2020
पुलिस के इस आदेश के बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। विहिप के अधिकारियों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाव खड़ा करते हुए कहा कि जब मेले में कुरान और बाइबिल की पुस्तकें बाँटी जा सकती हैं तो हनुमान चालीसा की क्यों नहीं? माहौल में गर्मी पैदा होते देख कोलकाता पुलिस कुछ ही देर में बैकफुट पर आ गई और हनुमान चालीसा के वितरण से रोक को हटा लिया गया। इसके बाद विहिप के कार्यकर्ता फिर से हनुमान चालीसा की पुस्तकें लोगों को वितरित करने में जुट गए।
आपको बता दें कि कोलकाता के सेंट्रल पार्क में 29 जनवरी से 44वाँ अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था। इस मेले का 9 फरवरी को अंतिम दिन था और मेले के आखिरी दिन ही हनुमान चालीसा के वितरण को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। इस मेले में इस बार करीब 600 स्टॉल लगाए गए, जिनमें से करीब 200 स्टॉल लिटिल मैगजीन और विदेशी प्रकाशकों के थे।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष इस मेले में करीब 2.4 मिलियन लोगों ने शिरकत की थी। वहीं करीब 22 करोड़ पुस्तकों की बिक्री हुई थी।