Sunday, November 17, 2024
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‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ आडवाणी ने जताई खुशी, जोशी ने कहा- सभी को अब मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित होना चाहिए

"यह अदालत का ऐतिहासिक फैसला है। इससे साबित होता है कि अयोध्या में 6 दिसंबर की घटना के लिए कोई साजिश नहीं रची गई थी। हमारा कार्यक्रम और रैलियाँ किसी साजिश का हिस्सा नहीं थीं। हम खुश हैं, सभी को अब राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित होना चाहिए।"

अयोध्या के बाबरी ध्वंस मामले में फैसला सुनाते हुए लखनऊ की विशेष अदालत ने आज (सितंबर 30, 2020) सभी 32 आरोपितों को बरी कर दिया। इस पूरे मामले में श्री लाल कृष्ण आडवाणी का नाम प्रमुख लोगों में से था। आज उन्होंने कोर्ट का फैसला आते ही इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। साथ ही अपनी खुशी जाहिर की।

उन्होंने कहा, “स्पेशल कोर्ट का आज को जो निर्णय हुआ है वह काफी महत्वपूर्ण है। यह काफी खुशी का प्रसंग है। काफी दिनों बाद कोई खुशी का समाचार मिला है।”

उन्होंने आगे जय श्री राम का नारा लगाते हुए कहा, “फैसले ने मेरी निजी और बीजेपी की राम जन्मभूमि मूवमेंट भावना को भी सही साबित किया। मैं इस फैसले का तहेदिल से स्वागत करता हूँ।”

वहीं भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, “यह अदालत का ऐतिहासिक फैसला है। इससे साबित होता है कि अयोध्या में 6 दिसंबर की घटना के लिए कोई साजिश नहीं रची गई थी। हमारा कार्यक्रम और रैलियाँ किसी साजिश का हिस्सा नहीं थीं। हम खुश हैं, सभी को अब राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित होना चाहिए।”

गौरतलब है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार (सितम्बर 30, 2020) को फैसला सुनाया। 28 वर्षों में ये पहली बार हुआ, जब अयोध्या बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में किसी अदालत का फैसला सुनाया। हालाँकि, इस फैसले को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

बता दें कि बाबरी घटना के बाद दिसंबर 6, 1992 को बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में फ़ैजाबाद पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए थे। इस मामले में कुल 49 अभियुक्त थे लेकिन उनमें से 17 की पहले ही मौत हो चुकी है। आरोपितों पर आपराधिक साजिश रचने से लेकर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए थे। ये मामला 28 वर्षों तक चला, जिनमें 351 गवाहों को पेश किया गया। अब तक 600 दस्तावेज पेश किए गए हैं। सीबीआई के स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुनाया। राज्यपाल का कार्यकाल पूरा करने के बाद कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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