देश में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन पर कई बुद्धिजीवियों ने सवाल उठाए। ऐसे में केंद्र सरकार बार-बार बोलती रही कि इसके अलावा कोई चारा शेष नहीं था। लेकिन गिरोह के लोग नहीं माने। अब इसी मुद्दे पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपना बयान दिया। साथ ही बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए लॉकडाउन कितना आवश्यक था और अगर इसे लागू नहीं किया जाता तो दिल्ली में अब तक संक्रमितों की संख्या 1 लाख तक पहुँचने की संभावना थी। इसके अलावा सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले सुरक्षा उपकरणों पर जानकारी दी और आने वाले समय में कोरोना जाँच के लिए निर्धारित लक्ष्य को भी बताया।
इंडिया टुडे को दिए साक्षात्कार में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर समय से पहले लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया जाता तो फिर दिल्ली में अब तक संक्रमितों की संख्या 50 हजार से लेकर 1 लाख तक की होती। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि दो हफ्तों के लिए लागू होने वाला लॉकडाउन कोरोना को फैलने से रोकने में काफी मददगार होगा।
उन्होंने इस बातचीत में बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 12000 लोगों का टेस्ट किया जा चुका है। जबकि आने वाले हफ्ते में उनका लक्ष्य 10 हजार लोगों का टेस्ट करना है। दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, कोरोना से लड़ने के लिए उनके पास पर्याप्त टीमें हैं, लेकिन वे रैपिड टेस्ट किट का इंतजार कर रही हैं। जिनमें बहुत जल्दी रिजल्ट आना मुमकिन होगा। ये प्रक्रिया सिर्फ़ 24 से 36 घंटे लेगी।
Delhi Health Minister Satyendar Jain said that the lockdwon was necessary to control #Covid19 spread.
— IndiaToday (@IndiaToday) April 14, 2020
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गौरतलब है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक साथ मिलकर काम करने से गुरेज नहीं कर रहे है। आप नेता ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के मामले में बताया, “वर्तमान में हमारे पास 13,500 पीपीई किट हैं। हमने केंद्र से 37,000 पीपीई किट माँगी हैं, जो हमें अगले दो दिनों में मिलेंगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार पीपीई किट भी बाजार से खरीद रही है। सरकार के पास अब केवल सात दिन का स्टॉक है। हमें अधिक पीपीई किट की आवश्यकता है, इसलिए हमने केंद्र से 2 लाख पीपीई किट की माँग की है। सरकार ने अलग से 1,40,000 पीपीई किट के ऑर्डर भी रखे हैं।”
बता दें कि भारत में इस समय कोरोना के मरीजों का आँकड़ा 8,988 तक पहुँच गया है। लेकिन फिर सवाल उठाने वाले लॉकडाउन की महत्ता को मानने से न केवल इंकार कर रहे हैं। बल्कि उसके ख़िलाफ़ बोलते हुए एक अलग ही लीक पर चल रहे हैं। बीते दिनों की बात करें तो मीडिया गिरोह के बुजुर्ग सदस्य विनोद दुआ ने सारी स्थिति को जानते समझते-परखते हुए लॉकडाउन पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अपनी वीडियोज में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के प्रति दिखाए रवैये को अमानवीय बताया था। साथ ही उन्हें जल्लाद कहा था। उन्होंने देश की सरकार को संवेदन हीन बताया था और जनता को लॉकडाउन के ख़िलाफ़ सिविल नाफरमानी का विकल्प दिया था। साथ ही जनता को उकसाने के लिए ये पूछा था कि आखिर कब तक लोग सरकार व एनजीओ के दिए खाने को खाएँगे।