कॉन्ग्रेस ने शनिवार (मई 18, 2019) को निर्वाचन आयोग से कहा कि वह रविवार (मई 19, 2019) को मतदान के दिन वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाहनों के काफिले के साथ यात्रा करने की अनुमति न दे।कॉन्ग्रेस का कहना है कि यह रोड शो का रूप ले सकता है, जो आचार संहिता का उल्लंघन होगा। कॉन्ग्रेस की जिला इकाई ने निर्वाचन आयोग और स्थानीय चुनाव प्राधिकरण को एक पत्र लिखकर कहा कि ऐसी स्थिति होने पर उसका उम्मीदवार भी वाहनों के काफिले के साथ यात्रा करने पर मजबूर हो जाएगा, जिससे अनावश्यक विवाद हो सकता है।
Don’t Let PM Travel With Motorcade In Varanasi, Congress Tells Poll Body https://t.co/nDdWHuuZvw
— NDTV News feed (@ndtvfeed) May 18, 2019
कॉन्ग्रेस की दूरदर्शिता और निर्वाचन आयोग से माँग सिवाय उसकी खोखली सोच के और कुछ और प्रतीत नहीं हो रही। कॉन्ग्रेस की इस फर्जी माँग को देखकर ऐसा लग रहा है कि वो बुरी तरह से पीएम मोदी के लोकप्रियता से डरी हुई है और ये डर सपने में भी उसका पीछा नहीं छोड़ रही है। कॉन्ग्रेस ने जिस तरह से काफिले के साथ मोदी को यात्रा करने पर होने वाली घटनाओं के बारे में बात कर रही है, उससे तो यही लग रहा है, जैसे उसने सपने में ये सब कुछ देखा होगा, हकीकत में तो ऐसा होना संभव नहीं है।
इसके पीछे की वजह ये है कि नियम के अनुसार, जिस दिन किसी लोकसभा सीट पर मतदान होता है, तो उस दिन उस लोकसभा क्षेत्र में वहाँ के स्थाई निवासी के अलावा कोई बाहरी नहीं रह सकता है। यानी कानूनी रुप से मतदान वाले दिन सिर्फ उसी लोकसभा क्षेत्र का स्थाई निवासी वहाँ रह सकता है और पीएम मोदी तो बनारस के स्थायी निवासी हैं नहीं, तो जाहिर सी बात है कि वो यहाँ पर क्यों आएँगे? और वैसे भी वो फिलहाल बद्रीनाथ की यात्रा पर हैं और वो भी इस बात से वाकिफ होंगे कि मतदान वाले दिन वो बनारस नहीं जा सकते हैं, तो भला क्यों वो बद्रीनाथ से बनारस आएँगे?
कॉन्ग्रेस जिस तरह सारे नियम-कानून को भूलकर बिना किसी आधार के इस तरह की माँग कर रही है, और उससे होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बता रही है, उससे तो साफ तौर पर कॉन्ग्रेस पीएम मोदी और उनकी लोकप्रियता से डरी हुई प्रतीत हो रही है।