लोकसभा चुनाव के नतीजे देख कुछ प्रत्याशी हैरान-परेशान होंगे क्योंकि चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले वो अपनी कुछ विवादित माँगों के कारण चर्चा में थे। इनमें एक नाम ‘ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ के इम्तियाज जलील सैयद का है और दूसरा नाम ‘कॉन्ग्रेस’ के डीके सुरेश का है। इम्तियाज जलील ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एकनाथ शिंदे की पार्टी नेता भुमारे संदीपनराव आसाराम से हार गए हैं। वहीं कॉन्ग्रेस के डीके शिवकुमार को हार मिली है भाजपा के डॉ सीएन मंजूनाथ से।
चुनाव आयोग की साइट के अनुसार, महाराष्ट्र में भुमरे संदीपनराव आसाराम ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के इम्तियाज जलील सैयद को 134650 मतों के अंतर से हराकर शानदार जीत हासिल की। इम्तियाज जिस क्षेत्र में हारे हैं 13 मई को मतदान हुआ था उस सीट पर 63.03 मतदान हुआ था। इस सीट पर संदीपनराव को 4 लाख 76 जार वोट मिले। वहीं इम्तियाज अली को 3 लाख 41 हजार 480 वोट।
#WATCH Islam is a religion of peace, people are angry…Nupur Sharma should be hanged. If she's allowed to let-go easily, then such things won't stop. Law should be brought to take action against those who make such remarks against any religion, sect…: AIMIM MP Imtiaz Jaleel pic.twitter.com/jUKkmvDb4V
— ANI (@ANI) June 10, 2022
इम्तियाज अली वही विवादित नेता हैं जिन्होंने ईशनिंदा के मामले में पूर्व भाजपा नेत्री नुपूर शर्मा के लिए मौत की सजा की माँग की थी। साल 2022 में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद इम्तियाज जलील ने कहा था कि इस्लाम शांति का मजहब है, उनकी माँग थी कि नूपुर शर्मा को फाँसी दी जाए। जलील ने यह बयान 10 जून 2022 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद के संभागीय आयुक्त के कार्यालय के सामने उग्र इस्लामवादियों के विरोध प्रदर्शन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए दिया।
डीके सुरेश ने की अलग दक्षिण भारतीय राज्यों की माँग
वहीं, कॉन्ग्रेस के डीके सुरेश की बात करें तो उन्हें डॉ सीएन मंजूनाथ ने 269647 वोट से हराया है। डीके सुरेश प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के भाई हैं। डॉ मंजूनाथ को जहाँ चुनावों में 10 लाख 79 वोट मिले, वहीं डीके सुरेश ने सिर्फ 8 लाख 9 हजार 335 वोट पाए। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा जब रिकॉर्ड तोड़ सीटों पर जीत हासिल की थी उस समय डीके सुरेश एक अकेले कॉन्ग्रेस नेता थे जिन्हें सीट मिली थी।
इसके बाद वो विवादों में तब आए जब इस साल फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। उस दौरान कॉन्ग्रेस और कुछ इंडी गठबंधन नेताओं ने इस पर नकारात्मक प्रचार किया था। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस नेता डीके सुरेश ने केंद्र पर दक्षिण भारतीय राज्यों को फंड जारी न करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भविष्य में दक्षिण भारतीय राज्य अपने लिए अलग देश की मांग कर सकते हैं और अलग राष्ट्र बन सकते हैं।