कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार (5 अप्रैल 2024) को पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। पार्टी ने इसे न्याय पत्र का नाम दिया। अब इस घोषणा पत्र को लेकर कॉन्ग्रेस पार्टी निशाने पर आ गई है। भाजपा ने कॉन्ग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उसकी गंभीरता का अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि उसमें तस्वीरें न्यूयॉर्क और थाईलैंड की लगाई गई हैं।
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “हाल ही में सोशल मीडिया चेयरपर्सन ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट कौन सँभाल रहा है। कम-से-कम पार्टी को तो पता होना चाहिए कि उनका घोषणा पत्र कौन बना रहा है।” घोषणा पत्र के पर्यावरण सेक्शन में इस्तेमाल की गई तस्वीर दिखाते हुए त्रिवेदी ने कहा कि यह तस्वीर राहुल गाँधी के पसंदीदा स्थान थाईलैंड की है।
उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी ने कहा कि जब कॉन्ग्रेस सत्ता में आई तो भारत में एक सुई भी नहीं बनती थी। यह बिल्कुल झूठ है। सीवी रमन को 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला। भारतीय विज्ञान संस्थान (बेंगलुरु) की स्थापना 1909 में हुई थी, लेकिन वे यह मानते रहेंगे कि सब कुछ नेहरू के बाद हुआ।”
विदेश के फोटो का इस्तेमाल करने को लेकर त्रिवेदी ने कहा, “यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है कि गलत तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन चिंता की बात यह है कि ये तस्वीरें विदेशी संस्थाओं की हैं। अब तक वे विदेश जाकर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करते रहे हैं, लेकिन अब वे अपने घोषणा पत्र के लिए विदेशी तस्वीरें उधार ले रहे हैं।”
भाजपा नेता ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने शासनकाल के दौरान केंद्र या राज्य में जारी अपने घोषणा पत्र के किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। वहीं, इस घोषणा पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पूछा कि क्या घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए किसी विदेशी एजेंसी को काम पर रखा गया था।
Cong manifesto promises to remove an elected State Govt, restore triple talaq, makes a U turn on OPS, has no delivery date on any of its promises, lacks a plan to harness benefits of Industry 4.0 and worst of all passes pictures from Thailand & America as that of India.
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) April 5, 2024
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सरमा ने कहा, “कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र में एक निर्वाचित राज्य सरकार को हटाने, तीन तलाक को बहाल करने, OPS पर यू-टर्न लेने का वादा किया गया है। इसके किसी भी वादे पर कोई डिलीवरी की तारीख नहीं है। उद्योग 4.0 के लाभों का दोहन करने की योजना का अभाव है और सबसे बुरी बात यह है कि थाईलैंड और अमेरिका की तस्वीरें भारत की तरह सामने आती हैं।”