मध्य प्रदेश की अपनी ही सरकार पर कॉन्ग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के हमले के बाद बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने उन्हें पार्टी छोड़ने की सलाह दी है। ज्योतिरादित्य ने 10 अक्टूबर को कमलनाथ सरकार को क़र्ज़ माफ़ी के मसले पर घेरा था।
भिंड में एक रैली में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, “अभी सभी किसानों की कर्जमाफी नहीं की गई है। सिर्फ 50 हजार रुपए का कर्ज माफ किया गया, जबकि हमने दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ किए जाने चाहिए। हमने अपने वादे पर पूरी तरह से अमल नहीं किया है और वादा पूरा करना चाहिए।”
अब इस मामले में बीजेपी ने भी दखल देते हुए कहा है कि कॉन्ग्रेस नेता ने अपने बयान से कमलनाथ को आईना दिखाने का काम किया है। सिंधिया की टिप्पणी को लेकर राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा, “यदि कॉन्ग्रेस सरकार की वादाखिलाफी से सिंधिया परेशान हैं तो फिर उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। सिंधिया ने सही कहा कि कॉन्ग्रेस ने वादा किया था वह सत्ता में आने के 10 दिन के भीतर ही कर्ज माफ कर देगी।”
इस बीच, गोसेवा पर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तथा सीएम कमलनाथ के बीच ट्विटर पर हुई बयानबाजी को लेकर भी भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि “असल में कॉन्ग्रेस आवारा पार्टी है।”
गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अपने वचनपत्र में किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। कमलनाथ ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही एक घंटे के भीतर किसान कर्जमाफी के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस योजना की प्रक्रिया शुरू हुई और किसानों से तीन अलग-अलग रंग के फॉर्म भरवाए गए थे। सरकार ने 55 लाख किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था।